भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति की बैठक के बाद कई बड़े ऐलान किए हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह सोशल मीडिया मंचों पर निवेश जुड़ी सलाह देने वाले इन्फ्लूएंसर के लिए किसी नियमन की योजना नहीं बना रहा है. बाजार नियामक सेबी पहले से ही इस पर काम कर रहा है.
वित्तीय सलाह देने वालों पर सख्त नियामक
आजकल सोशल मीडिया पर वित्तीय सलाह देने वालों की भरमार हो गई है. ये लोग निवेश सलाहकार मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं. इनसे छोटे और नए निवेशक कई बार गुमराह हो जाते हैं. ऐसे में, सेबी सोशल मीडिया विज्ञापन और मार्केटिंग अभियानों के जरिए वित्तीय सलाह के प्रसार को रोकने के लिए ब्रोकर और म्यूचुअल फंडों को निर्देशित करने की योजना बना रहा है. दूसरी तरफ आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा, ‘आरबीआई सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स पर नियमन के लिए कोई विशेष दिशानिर्देश जारी करने की योजना नहीं बना रहा है क्योंकि इस मामले को बाजार नियामक सेबी पहले ही देख रहा है.’
SEBI ने दिखाई सख्ती
इससे पहले, जनवरी 2022 में, बाजार नियामक ने सोशल मीडिया चैनल टेलीग्राम पर स्टॉक मार्केट के टिप्स देने वालों का खुलासा किया था. इसके बाद, मार्च 2023 में एकबार फिर सेबी ने यूट्यूबर्स पर सख्ती दिखाई और कीमतों में हेरफेर करने के मामले को लेकर करीब 44 संस्थाओं को स्टॉक बाजार से बैन कर दिया.
वित्त मंत्री ने भी किया अलर्ट!
बाजार नियामक ने इसके आगे भी सख्ती दिखाते हुए इसी साल मई में निवेश सलाहकार मानदंडों के उल्लंघन के मामले में पीआर सुंदर पर 6.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया और बाजार से बैन भी कर दिया. सुंदर के पास सेबी रजिस्ट्रेशन नहीं था. सेबी की जांच में सुंदर www.prsundar.blogspot.com नाम से वेबसाइट चला रहा था, जिसमे वो ग्राहकों को एडवाइजरी सर्विस देने के लिए अलग-अलग तरह के पैकेज ऑफर किए थे. इसके बाद उन्हें निपटान आदेश की तारीख से अगले एक साल तक के लिए प्रतिभूतियों को खरीदने, बेचने या किसी तरह के व्यवहार करने पर बैन कर दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी वित्तीय सलाह देने वाले इस तरह के सलाहकारों से सावधान रहने और इन पर शिकंजा कसने की बात कही थी.