बिना दावे वाली राशि (अनक्लेम्ड राशि) के ग्राहकों का पता लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को बैंकों को कुछ निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत बैंकों को समय-समय पर विशेष अभियान चलाने के लिए कहा गया है. इस दिशानिर्देश से ऐसी जमा राशि को उनके सही दावेदारों को वापस करने के लिए बैंकों और आरबीआई के प्रयास को गति मिलेगी. साथ ही बैंकों में बिना दावे वाली जमा की मात्रा को कम करने में मदद मिलेगी. संशोधित दिशानिर्देश एक अप्रैल से लागू होगा.
आरबीआई ने समीक्षा के आधार पर खातों और जमाओं को निष्क्रिय खातों तथा अनक्लेम्ड जमाओं को अलग-अलग करने के लिए विभिन्न पहलुओं को शामिल किया है. इसी के तहत बैंकों की तरफ से उठाए जाने वाले कदमों पर व्यापक दिशानिर्देश जारी किया गया है. केंद्रीय बैंक ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि ऐसे खातों और जमा की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए. जिससे धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी.
जानिए कब खाता होगा निष्क्रिय?
अगर दो साल से अधिक समय तक खाते में कोई लेनदेन नहीं होता है, तो बचत व चालू खाते को निष्क्रिय माना जाएगा. बैंकों में रखे गए किसी भी जमा खाते में ऐसी राशि जो दस साल या उससे अधिक समय से संचालित नहीं हुई है या दस साल अथवा उससे अधिक समय से जिस पर दावा नहीं किया गया है, उसे जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (DEA) कोष योजना, में ट्रांसफर कर दिया जाता है. आरबीआई के निर्देश के तहत ऐसे निष्क्रिय खातों व बिना दावे वाली जमा के ग्राहकों का पता लगाने के लिए बैंक ऐसे खातों के धारक से पत्र, ई-मेल या एसएमएस के माध्यम से संपर्क करेंगे. ये सपंर्क तिमाही आधार पर होगा.
नॉमिनी से भी किया जाएगा संपर्क
आरबीआई का कहना है कि अगर निष्क्रिय खाते व बिना दावे वाली जमा के अकाउंट होल्डर का पता नहीं चल पाता है तो बैंक खाता खोलने के समय खाताधारक से परिचय कराने वाले, यदि कोई हो तो उनसे संपर्क करेंगे. ग्राहक का पता लगाने के लिए बैंक पंजीकृत नॉमिनी से भी संपर्क करेंगे. इसके लिए समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाएगा.