भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को दो सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए. इनमें श्री शारदा महिला और हरिहरेश्वर सहकारी बैंक शामिल हैं. पूंजी की कमी और कमाई की संभावनाएं नहीं बन पाने के कारण दोनों बैंकों की डिपॉजिट, रीपेमेंट जैसी बैंकिंग संबंधित गतिविधियों पर प्रतिबंध लग गया है.
खाताधारकों को मिलेगी जमा राशि
कर्नाटक के तुमकुर स्थित श्री शारदा महिला सहकारी बैंक के 97.82 प्रतिशत खाताधारकों को उनके डिपॉजिट की कुल रकम लौटाई जाएगी. ऐसा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पेरेशन (DICGC) के जरिए किया जाएगा. इसी तरह महाराष्ट्र में सतारा स्थित हरिहरेश्वर बैंक के 99.96 फीसदी खाताधारकों को उनकी पूरी जमा राशि वापस की जाएगी. बैंक पर 11 जुलाई से RBI का आदेश प्रभावी हो चुका है.
सहकारी बैंकों पर RBI की सख्ती
इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र के मलकापुर शहरी सहकारी बैंक और कर्नाटक स्थित सुश्रुति सौहार्द सहकारी बैंक के लाइसेंस रद्द किए थे. दोनों बैंकों का हर तरह का कारोबार 5 जुलाई से बंद हो चुका है.
साल 2019 में पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (PMC) से जुड़ा घोटाला सामने आने के बाद से RBI ने सहकारी बैंकों पर सख्ती बढ़ाई हैं. इसके बाद से साल 2020 में दो, 2021 में तीन और 2022 में कुल 12 को-ऑपरेटिव बैंकों पर ताला लटक चुका है.
डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर
खाताधारकों को यह जानकारी होनी चाहिए कि इस तरह से बैंक बंद होने के बाद उन्हें डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर के तहत उनकी जमा राशि लौटाई जाती है. इसमें अधिकतम पांच लाख रुपए तक की रकम कवर होती है. इस तरह के मामलों में DICGC ने खाताधारकों को 8 मार्च 2023 तक कुल 57.24 करोड़ रुपए चुकाए हैं. DICGC आरबीआई की सहायक इकाई है.