दिल्ली में आयोजित 9-10 सितंबर के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद अब भारत ने चीन को तगड़ा झटका दिया है. भारत ने चीन से आयातित स्टील पर अगले पांच सालों के लिए एंटी डंपिंग शुल्क को जारी रखने की घोषणा की है. भारत सरकार ने एक सरकारी अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है.
सरकार की इस अधिसूचना के अनुसार, दरअसल, इससे पहले साल 2018 में स्टील व्हील पर प्रति टन 613 डॉलर का एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाईं थी. अब पांच साल बाद अब सरकार ने फैसला किया है कि यह एंटी डंपिंग ड्यूटी अगले पांच सालों के लिए भी जारी रहेगी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, 4 सितंबर को भारत के इस्पात सचिव नागेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार चीन से स्टील आयात पर निगरानी रखे हैं.
गौरतलब है कि चीन, दक्षिण कोरिया के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टील निर्यातक है. लेकिन चीन से भारत के स्टील आयात में भारी कमी आई है. इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान चीन ने भारत को 6 लाख मीट्रिक टन स्टील बेचा था. जबकि पिछले साल, चीन से भारत का स्टील आयात इसी अवधि में 62% ज्यादा था. भारत ने पिछले साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में 20 लाख मीट्रिक टन स्टील का आयात किया था, जो साल 2020 के बाद से सबसे अधिक और एक साल पहले की तुलना में 23% अधिक है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार अधिकारियों की सिफारिश और स्थानीय स्टील निर्माताओं की पैरवी के बावजूद भारत चीन से आयातित चुनिंदा स्टील उत्पादों पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD) नहीं लगाएगा. मंत्रालय ने चीन से आयातित कुछ स्टील शीट उत्पादों पर पांच साल के लिए 18.95% सीवीडी लगाने की व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) की सिफारिश को खारिज कर दिया है. वित्त मंत्रालय के फैसले का उद्देश्य स्टील का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को ऊंची कीमतों से बचाना है. आपको बता दें कि CVD विदेशों से उन आयातित उत्पादों पर लगाया गया अतिरिक्त कर है जिन पर उनके देश में सब्सिडी दी जाती है.