सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर बांस से बनी ‘बाहु बल्ली’ बाड़ लगाई जाएगी और इस संबंध में छत्तीसगढ़ में एक प्रायोगिक परियोजना भी शुरू की जाएगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है और स्टील बाड़ का विकल्प भी है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
नितिन गडकरी ने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणों एवं आदिवासियों को बड़ा फायदा होगा. साथ ही इस प्रकार की बाहु बल्ली बाड़ का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है. इसके लिए सभी परीक्षण किए जा चुके हैं और इस्पात के बदले बांस के बैरियर विकसित किए जा रहे हैं. इन योजना को मंजूरी मिल गई है. नितिन गडकरी ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू करने का फैसला किया है और अगर यह सफल रहा, तो स्टील के बदले बांस का उपयोग किया जाएगा यानी जल्दी ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर पैदल चलने वालों को सुरक्षा मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था पर्यावरण के अनुकूल होगा और आदिवासियों को अपने क्षेत्रों में काम मिलेगा. दरअसल, बांस पूर्वोत्तर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. नितिन गडकरी ने कहा कि पशुओं को राजमार्गों पर आने से रोकने के लिए भी इन बाड़ों का उपयोग किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों को इससे बहुत लाभ होगा और किसान बंजर भूमि पर बांस की खेती कर सकेंगे. बांस की खेती से उनकी बंजर भूमि का उपयोग भी हो जाएगा और उन्हें इसका फायदा भी मिलेगा.उन्होंने कहा कि असम में अचार और कपड़ों के अलावा बांस से इथेनॉल भी बनाया जा रहा है. चीन में बांस की बड़ी अर्थव्यवस्था है और हमारे देश में भी बांस की ऐसी अर्थव्यवस्था स्थापित की जाएगी. इससे पहले नितिन गडकरी ने ट्वीट कर के भी इसकी जानकारी दी थी.
We are planning to implement the Bahu Balli Cattle Fence along highways in India to prevent cattle from crossing the road and causing dangerous accidents that result in the loss of human life.
The fence will be 1.20 meters high and will be installed on section 23 of NH-30 as a… pic.twitter.com/7OBLziDaiO
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 5, 2023