चीनी सस्‍ती करने के लिए सरकार का बड़ा कदम, गन्‍ने के रस से नहीं बनेगा अब एथनॉल

केंद्र सरकार ने गन्‍ने के उचित और लाभकारी मूल्‍य (FRP) में 10 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी.

चीनी सस्‍ती करने के लिए सरकार का बड़ा कदम, गन्‍ने के रस से नहीं बनेगा अब एथनॉल

चीनी की बढ़ती कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने आज बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को पेट्रोल में मिलाने के लिए गन्‍ने के रस और सीरे से एथनॉल का उत्‍पादन करने से रोक दिया है. गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक वर्ष 2023-24 में अब गन्‍ने के रस से एथनॉल के उत्‍पादन पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगाई गई है. सरकार ने यह कदम घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्‍त उपलब्‍धता सुनिश्चित करने और इसकी कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए उठाया है. पिछले साल एथेनॉल बनाने में इतना गन्‍ने का रस उपयोग हुआ था, जिससे करीब 40 लाख टन चीनी बनाई जा सकती थी.

खाद्य मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि शुगर (कंट्रोल) ऑर्डर 1966 की धारा 4 और 5 के तहत सभी चीनी मिलों और डिस्‍टलरीज को एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2023-24 में एथनॉल उत्‍पादन के लिए गन्‍ने के रस और शुगर सीरप का इस्‍तेमाल न करने का आदेश दिया जाता है. हालांकि मंत्रालय ने यह स्‍पष्‍ट किया है कि चीनी मिलें तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल में मिश्रण के लिए बी-हेवी शीरे से एथनॉल का उत्पादन जारी रख सकती हैं.

इस साल की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने गन्‍ने के उचित और लाभकारी मूल्‍य (FRP) में 10 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी. यह वह न्‍यूनतम कीमत है जिसका भुगतान चीनी मिलों को गन्‍ना किसानों को करना होता है. अक्‍टूबर से शुरू हुए चीनी वर्ष 2023-24 के लिए गन्‍ने का FRP 315 रुपए प्रति क्विंटल है. चालू 2022-23 विपणन वर्ष में, करीब 3,353 लाख टन गन्‍ना चीनी मिलों ने खरीदा है, इसकी कीमत 1,11,366 करोड़ रुपए है. 2013-14 के दौरान मिलों ने 57,104 करोड़ रुपए मूल्‍य का गन्‍ना खरीदा था.

Published - December 7, 2023, 04:40 IST