लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट इंपोर्ट के लिए लाइसेंस की वाध्यता की घोषणा के बाद केंद्र सरकार इन सभी इलेक्ट्रोनिक वस्तुओं का चीन से इंपोर्ट रोकने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार इस तरह की व्यवस्था पर काम कर रही है, जिसके तहत लैपटॉप, कंप्यूटर और सर्वर जैसे तैयार आईटी हार्डवेयर प्रोडक्ट्स का इंपोर्ट सिर्फ भरोसेमंद देशों (Trusted Geographies) से करने की ही अनुमति होगी. संभावना है कि भरोसेमंद देशों की लिस्ट में चीन का नाम नहीं होगा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार के अधिकारी इस नियम को फिलहाल ड्राफ्ट कर रहे हैं लेकिन केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खुद इसकी पुष्टि की है. संभावना है कि सरकार इस नियम को कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के अलवा कई ऐसे तैयार आईटी हार्डवेयर प्रोडक्ट्स तथा 5जी सेंसर्स पर भी लागू कर सकती है जिनका इंपोर्ट सिर्फ चीन से ही होता है. संभावना यह भी है कि इस नई व्यवस्था के तैयार होने के बाद आईटी हार्डवेयर के इंपोर्ट के लिए लाइसेंस की व्यवस्था को हटाया जा सकता है.
सरकार ने पिछले महीने ही कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के इंपोर्ट के लिए लाइसेंस को जरूरी किया था और नियम को लागू करने की घोषणा भी की थी, लेकिन बाद में आईटी हार्डवेयर कारोबार के प्रतिनिधियों ने सरकार से मुलाकात करके लाइसेंस की व्यवस्था को फिलहाल टालने का आग्रह किया था. जिसके बाद सरकार ने 31 अक्टूबर तक इंपोर्ट की मौजूदा व्यवस्था को लागू रखने का फैसला किया था. हालांकि नवंबर से देश में कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट इंपोर्ट के लिए लाइसेंस जरूरी होगा.
देश में आईटी हार्डवेयर का इंपोर्ट घटाने और घरेलू स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इंपोर्ट को लेकर सख्ती की घोषणा की है, भारत में जितना फिनिस्ड आईटी हार्डवेयर इंपोर्ट होता है उसमें करीब 70-80 फीसद इंपोर्ट चीन से आता है.