गूगल ने अपने प्ले स्टोर पर मौजूद सभी लेंडिंग ऐप्स (Lending Apps) के लिए नए नियम जारी किए हैं. ये 31 मई, 2023 से प्रभावी हो गई हैं. पर्सनल लोन ऐप्स को लेकर ये गाइडलाइंस अप्रैल महीने में गूगल ने जारी की थीं जिन पर सितंबर 2022 से ही काम चल रहा था. नए नियमों से चीन की लेंडिंग ऐप्स की मनमानी पर रोक लगेगी. इन गाइडलाइंस के चलते लोन देकर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी या उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगेगी.
नई गाइडलाइंस में क्या है?
● नए नियमों के तहत लेंडिंग ऐप्स को एक शपथ पत्र गूगल के पास जमा कराना होगा. इसमें क़र्ज़ देने से जुड़ी सभी शर्तें लिखी होंगी.
● डिजिटल लेंडिंग ऐप्स को अगर लोन देने का लाइसेंस रिजर्व बैंक से मिला हुआ है, तो इसकी भी एक कॉपी देनी होगी.
● ऐप अगर सीधे लोन नहीं देते, बल्कि थर्ड पार्टी से दिलवाते हैं तो उन्हें अपने शपथ पत्र में इस बात का साफ़ तौर पर उल्लेख करना होगा.
● डिजिटल लेंडिंग ऐप कंपनी का नाम और ऐप डेवपलपर का नाम ऐप और शपथ पत्र दोनों जगह दर्ज होना चाहिए और इसका मिलान होना ज़रूरी है. साथ ही जिन भी बैंकों या NBFCs के साथ वो काम कर रहे हैं, उनका नाम भी ऐप के डिस्क्रिप्शन में देना होगा.
● इन ऐप्स को Play Console में अपनी ऐप कैटेगरी ‘Finance’ चुननी होगी. इसके अलावा, लोन रीपेमेंट, मैक्सिमम एनुअल पर्सेंटेज रेट, लोन कॉस्ट, फीस वगैरह से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी.
● ये ऐप अब यूज़र्स के कॉन्टैक्ट, फ़ोटो-वीडियो, कॉल लॉग्स, एक्सटर्नल स्टोरेज और लोकेशन का एक्सेस नहीं ले पाएंगे.
अगर इन सारी शर्तों और नियमों का कोई लोन ऐप पालन करता है तभी वो गूगल प्ले स्टोर पर खुद को रजिस्टर कर पाएगा और लोन बांट पाएगा अन्यथा उसे गूगल ब्लॉक कर देगा. डिजिटल लोन के कारोबार से जुड़ी भारतीय कंपनियों ने गूगल के इस कदम का स्वागत किया है.