खाने-पीने की चीजों में हो रही मिलावट को देखते हुए आजकल लोग ऑर्गेनिक फूड ज्यादा खरीदते हैं. ये प्रोडक्ट सामान्य की तुलना में काफी महंगे होते हैं. नियमों के तहत ऑर्गेनिक फूड बिना केमिकल और सही तरीके से तैयार किए जाते हैं. मगर मार्केट में कुछ लोग नकली सामान को ऑर्गेनिक बताकर बेच रहे हैं, लेकिन ऐसा करने वालों की अब खैर नहीं. दरअसल भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी की है.
इसके अलावा FSSAI ने अपने सभी फूड टेस्टिंग प्रयोगशालाओं को निर्देश दिया है कि वे फूड टेस्टिंग प्रणाली में सुधार लाएं और ऑर्गेनिक फूड की शुद्धता को कायम रखें. अगर कोई नकली प्रोडक्टस को असली बता कर बेचता है तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने यह फैसला ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों (organic foods) को लेकर सामने आए झूठे दावों को देखते हुए लिया. बता दें ऑर्गेनिक फूड में इन दिनों चाय, दाल, तेल और गुड़ की सबसे ज्यादा मांग है.
झूठे दावे पर हो सकती है जेल
रेगुलेटर ने ऑर्गेनिक खाने-पीने की चीजों से छेड़छाड़ करने वालों के लिए सख्त नियम बनाए हैं. इसके तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की भी योजना है. अगर उत्पाद निर्माता नकली प्रोडक्ट को मार्केट में लाते हैं तो FSSAI के नियमों के मुताबिक ऐसे लोगों को 2 से 10 साल की सजा तक हो सकती है.
क्या होते हैं ऑर्गेनिक फूड?
ऑर्गेनिक फूड ऐसे खाद्य उत्पाद हैं जो जैविक कृषि तकनीकों और उपकरणों से पैदा किए जाते हैं. इसका मकसद पर्यावरण-अनुकूल, प्रदूषण-मुक्त वातावरण में चीजों का उत्पादन करना है. ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों को बिना किसी कृत्रिम कीटनाशक और उर्वरक के तैयार किया जाता है. जिसे खाद्य नियामक संस्था की ओर से प्रमाणित किया जाता है. इसके बाद ही इन्हें बाजार में बेचने की मंजूरी मिलती है. इन दिनों देश में ऑर्गेनिक फूड का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते मिलावटखोरी भी बढ़ रही है. इसे रोकने के लिए ही FSSAI लगातार कदम उठा रही है.