भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) केंद्रीय बैंक की पूर्व अनुमति के बगैर अपनी गैर-लाभकारी शाखाएं बंद कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए उन्हें संबंधित राज्य के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से मंजूरी लेनी होगी.
आरबीआई ने बनाए नियम
आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि गैर-लाभकारी शाखाओं को बंद करने का फैसला उचित कारकों को ध्यान में रखकर करना चाहिए और इस संबंध में डीसीसीबी के निदेशक मंडल की बैठक का विवरण ठीक से दर्ज किया जाना चाहिए. परिपत्र के मुताबिक, ‘बैंक को शाखा बंद करने से पहले स्थानीय प्रमुख समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दो महीने पहले सभी मौजूदा जमाकर्ताओं/ ग्राहकों को सूचित करना चाहिए.’ हालांकि आरबीआई ने कहा कि किसी बैंक पर प्रतिबंध लगाया गया है तो उस डीसीसीबी को शाखाएं बंद करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
5 सहकारी बैंकों पर जुर्माना
इस बीच केंद्रीय रिजर्व बैंक ने 5 सहकारी बैंकों पर जुर्माना भी लगाया है. ये सहकारी बैंक हैं- उमा सहकारी बैंक लिमिटेड, पीज पीपुल्स सहकारी बैंक लिमिटेड, मिजोरम सहकारी एपेक्स बैंक लिमिटेड, बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड और शिहोरी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड. इन सभी बैंकों पर नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं. हालांकि, इसका ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.