सरकार ने फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है. पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया पर होने वाले अपराध और धोखाधड़ी के मामलों में बड़ी तेजी आई है. साइबर अपराधियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सहारे लोगों को फर्जी लोन ऐप के जाल में फंसाया और ठगी की. अब सरकार इस पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.
सरकार उठाएगी सख्त कदम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार फर्जी लोन ऐप को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सख्ती करने वाली है. साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर लोगों को गुमराह कर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं. इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये शातिर अपराधी ऐड चलाकर फर्जी लोन ऐप को प्रमोट करवाते हैं, और जरूरतमंद लोग इसे देखकर इनकी बातों में आ जाते हैं. सरकार अब सोशल मीडिया कंपनियों पर दबाव डालने वाली है ताकि वे इस तरह के ऐड को चलाने की मंजूरी देने से पहले उसके बारे में जांच-पड़ताल कर लें.
राज्य मंत्री ने कही ये बात
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रेशखर के हवाले से ये जानकारी दी गई है कि इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी के मौजूदा नियमों को संशोधित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार भारत में सोशल मीडिया के जरिए फर्जी लोन ऐप के प्रसार पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है. राज्य मंत्री ने कहा कि इस दिशा में मौजूदा नियमों में संशोधन किया जाएगा, ताकि इन प्लेटफॉर्म पर फर्जी लोन ऐप के विज्ञापनों पर रोक लगाई जा सके. हालांकि अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में, सूचना प्रौद्योगिकी कानून में जिन बदलावों की जरूरत होगी, वह संशोधन चुनाव बाद ही हो सकेगा.
क्या होगा नए प्रावधान में?
गौरतलब है कि अभी जो प्रावधान मौजूद हैं उसमें फर्जी लोन ऐप को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ऊपर अपराधियों पर कार्रवाई की व्यवस्था नहीं है. साधारण तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अभी शुल्क वसूलकर ऐड चलाने की अनुमति देते हैं. लेकिन साइबर अपराधी इसका गलत इस्तेमाल करते हैं. जब यूजर रिपोर्ट करते हैं, तब सोशल मीडिया कंपनियां ऐड को डाउन करती हैं. हालांकि तब तक कई लोग इसका शिकार हो चुके होते हैं. अब नए कानून में संशोधन कर यह प्रावधान जोड़ा जा रहा है कि फर्जी लोन ऐप का ऐड चलाने पर सोशल मीडिया कंपनियों को मिलने वाली लीगल इम्युनिटी समाप्त हो जाए. इससे कंपनियां फायदे के कारण कोई भी ऐड बिना जांच-पड़ताल किए चलाना बंद कर देगी.