तकनिकी विकास दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. टेक्नोलॉजी से घंटों के काम आसानी से मिनटों में हो जा रहे हैं. लेकिन एडवांस टेक्नोलॉजी लोगों की नौकरी पर तलवार बन कर खड़ी हो गई है. एडटेक कंपनी एमेरिटस की ‘एमेरिटस ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल्स स्टडी’ (Emeritus Global Workplace Skills Study 2023) से यह बात सामने आई है कि देश में टेक्नोलॉजी में आए बदलावों के कारण लोग, jobs अपने स्किल्स बढाने में लगे हैं.हर चार में से तीन वर्किंग प्रोफेशनल्स का मानना है कि अगर उन्होंने अपना कौशल विकसित नहीं किया तो तेजी से बढ़ रही टेक्नोलॉजी उनकी नौकरियों की जगह ले लेगी.
लोगों को है नौकरी जाने का डर!
एमेरिटस ग्लोबल वर्कप्लेस स्किल्स स्टडी 2023 की रिपोर्ट में बताया गया है कि 75 फीसद भारतीयों को डर है कि जब तक वे कौशल नहीं बढ़ाएंगे तो टेक्नोलॉजी के चलते उनकी नौकरी चली जाएगी. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा डर क्रमशः स्वास्थ्य देखभाल (81 फीसद), सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं (80 फीसद), टेक्नोलॉजी इनोवेशन (79 फीसद) और पेशेवर सेवाएं/परामर्श (78 फीसद) वित्त और बीमा में (72 फीसद) सेक्टर वालों को है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. ऐसे में अगर लोगों में स्किल की कमी रही तो उनका नौकरी में टिकना मुश्किल है.
इस अध्ययन में ज्यादातर भारतीयों ने टेक्नोलॉजी में कमी का अनुभव करते हुए नौकरी में टिके रहने को लेकर चिंता व्यक्त की. इस रिपोर्ट के अनुसार, पेशेवरों के लिए सबसे अधिक मांग डिजिटल मार्केटिंग, वित्त, डेटा एनालिटिक्स, प्रबंधन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शामिल हैं. कौशल के मामले में 80 फीसद लोगों का कहना था कि उन्हें कार्यस्थल पर ही कौशल बढ़ा़ने के मौका मिले तो वह ज्यादा काम कर सकेंगे.
किन देशों में हुआ सर्वे
यह खास सर्वे दुनिया के कई विकासशील और विकसित देशों में हुआ. यह रिपोर्ट भारत, अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, ब्राजील, मैक्सिको और यूएई सहित 18 देशों में 21 से 65 वर्ष की आयु के 6,600 पेशेवरों के के सर्वे के आधार पर जारी की गई है. भारत में यह अध्ययन बड़े-और मध्यम तरह के कुल 1,720 लोगों पर किया गया है, जिसमें 21 से 65 वर्ष तक आयु के लोग शामिल थे.