सरकार ने फाइनेंशियर ईयर 2019-20 के लिए एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) पर ब्याज दर 8.50 फीसदी तय की है. करीब 6 करोड़ खाताधारकों को इसका फायदा मिलेगा. EPF एक अनिवार्य रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है जिसे एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) मैनेज करता है. इसे खोलने के लिए एम्प्लॉई को कहीं नहीं जाना होता. जब वह पहली बार किसी कंपनी में जॉब करता है, तो उस कंपनी की तरफ से ही पीएफ अकाउंट खोला जाता है. इसमें कंपनी हर महीने एम्प्लॉई की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पैसा काटकर जमा कराती है और खुद भी अधिकतम 12 फीसदी पैसा उस कर्मचारी के PF खाते में डालती है. इस पूरे पैसे पर सालाना ब्याज दिया जाता है.
मिलती है पेंशन
Provident Fund अकाउंट में जमा रकम तीन भागों में बंटी होती है. पहला वह जो कंपनी आपकी बेसिक सैलरी में से काटकर (12%) जमा कराती है. दूसरा, उतनी यानी 12% रकम कंपनी भी अपनी ओर से आपके पीएफ अकाउंट में जमा करती है. कंपनी की ओर से जमा कराई गई रकम दो भागों में बंटी होती है. 12% में से 3.67% रकम पीएफ कंट्रिब्यूशन में और 8.33% रकम पेंशन फंड में जमा होती है. आपकी रिटायरमेंट के बाद आपके लिए पेशन फंड से पेंशन शुरू हो जाती है. पेंशन की रकम कितनी होगी, यह पीएफ अकाउंट में आपकी जमा रकम पर निर्भर करता है.
EPF में मिलता है VPF का फायदा
निवेश के लिए अधिकतर लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा छोटी-छोटी सेविंग्स स्कीम में लगाते हैं. इन स्कीम्स पर सरकार ब्याज देती है. मौजूदा समय में PF पर ऐसी सभी स्कीम्स के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिल रहा है. अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो अपनी कमाई की रकम का कुछ हिस्सा पीएफ अकाउंट के साथ-साथ वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund) में भी जमा करा सकते हैं. VPF पर भी PF जितना ही ब्याज मिलता है.
ऐसे ले सकते हैं VPF का फायदा
जिस तरह से आपकी बेसिक सैलरी का कुछ हिस्सा आपके Provident Fund अकाउंट में जाता है, उसी तरह आप अपनी इच्छा से सैलरी का कुछ और हिस्सा वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में भी जमा कर सकते हैं.
– VPF अकाउंट रिस्क फ्री और रिटायरमेंट पर हाई रिटर्न देने वाला विकल्प है.
– वीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए आपको अपनी कंपनी के एचआर या फाइनैंस विभाग से गुजारिश करनी होगी.
– वीपीएफ अकाउंट में कंपनी का कोई कंट्रिब्यूशन नहीं होता. आप अपनी सैलरी से जो रकम इस अकाउंट में जमा करवाएंगे, उसी पर आपको सालाना ब्याज मिलेगा. जमा रकम पर PF जितना ही ब्याज मिलता है. अभी इस पर सालाना ब्याज 8.65% है.
– सेक्शन 80सी के तहत सालाना 1.50 लाख रुपये तक की जमा रकम पर टैक्स छूट मिलती है.
– इसमें जमा रकम पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है.
– जॉब बदलने पर इसे PF अकाउंट की तरह आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) आपके आधार से जुड़ा होना चाहिए. UAN के लिए आप अपनी कंपनी के एचआर से संपर्क कर सकते हैं.
कितना कराएं जमा
PF में बेसिक सैलरी का 12% निकालने के बाद बाकी बची 88% बेसिक सैलरी आपको बाकी भत्तों के साथ मंथली मिल जाती है. अगर आप चाहें तो बाकी बची 88% बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का 100% तक इस VPF अकाउंट में जमा करा सकते हैं. अमूमन साल में दो बार आप VPF में जमा होने वाली रकम में बदलाव करवा सकते हैं. यानी आप VPF में जमा करवाने वाली रकम को कम या ज्यादा करवा सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको अपनी कंपनी के एचआर/फाइनैंस डिपार्टमेंट से ही सपंर्क करना पड़ेगा.
इन स्थितियों में निकाल सकते हैं पैसा
VPF अकाउंट वैसे तो एक निवेश का विकल्प होता है, जिसमें आपके रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त पैसा इंट्रेस्ट के साथ मिल जाता है. हालांकि जॉब छोड़ने और जॉब के दौरान भी कुछ परिस्थितियों में VPF का पैसा PF के नियमों के अनुसार ही निकाला जा सकता है. नियम इस प्रकार हैं:
जॉब छूटने पर: अगर आपकी जॉब छूट गई है और एक महीने से बेरोजगार हैं तो आप अपने VPF अकाउंट से 75 फीसदी रकम निकाल सकते हैं. बाकी 25 फीसदी रकम जॉब छूटने के दो महीने बाद निकाली जा सकती है. अगर VPF 5 साल से कम कंट्रिब्यूट किया है तो निकाली गई रकम पर आपको टैक्स देना होगा.
शादी के लिए: अपनी संतान, भाई/बहन या अपनी शादी के लिए VPF से रकम निकालना चाहते हैं, तो 50 फीसदी रकम निकाल सकते हैं. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि आपको जॉब करते हुए 7 साल पूरे हो गए हों. यानी VPF अकाउंट में 7 साल से पैसा जमा हो रहा हो.
हायर एजुकेशन: अपनी या संतान की हायर एजुकेशन के लिए भी आप VPF अकाउंट से 50 फीसदी रकम ब्याज के साथ निकाल सकते हैं. इसके लिए भी जॉब करते हुए कम से कम 7 साल पूरे होना जरूरी हैं. हालांकि हायर एजुकेशन से संबंधित डॉक्युमेंट्स पेश करने होते हैं.
मेडिकल इमरजेंसी: अगर आप अपने, लाइफ पार्टनर, बच्चों या फिर पैरंट्स के इलाज के लिए पैसे चाहते हैं तो आप अपनी बेसिक सैलरी का 6 गुना या VPF की पूरी रकम (जो भी कम हो) निकाल सकते हैं. इसके लिए जॉब कितने साल की है, यह मायने नहीं रखता.
घर खरीदने के लिए: अगर आप घर खरीदना या बनवाना चाहते हैं तो अपनी बेसिक सैलरी की 36 गुना रकम तक और जमीन खरीदना चाहते हैं तो बेसिक सैलरी की 24 गुना तक रकम VPF अकाउंट से निकाल सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपको जॉब करते हुए कम से कम 5 साल पूरे होने चाहिए.
अकाउंट होल्डर की मृत्यु पर: PF अकाउंट में नॉमिनी के तौर पर आप अपने किसी करीबी का नाम जुड़वा सकते हैं. यही नियम VPF के लिए भी लागू होता है. रिटायरमेंट से पहले VPF अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर नॉमिनी PF और VPF की रकम के लिए क्लेम कर सकता है.