Mutual Funds: फरवरी 2021 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में लगातार आठवें महीने भी रकम निकासी की हालिया खबर बेहद चिंताजनक है. इससे निवेश को लेकर कुछ अहम सवाल भी पैदा हो रहे हैं.
जैसा कि एक्सपर्ट भी कह रहे हैं इक्विटी फंड्स से ओवरऑल आउटफ्लो की कई वजहें हो सकती हैं. कोविड-19 के तगड़े झटके के बाद स्टॉक मार्केट ने तेज छलांग लगाई है.
भारतीय स्टॉक इंडेक्स हालिया दौर में रिकॉर्ड उंचाई पर पहुंचे हैं और कुछ महीने पहले तक इनके इस स्तर पर पहुंचने के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था. ऐसे में निवेशक बाजार की इस तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं और पोर्टफोलियो में मुनाफे को देखते हुए प्रॉफिट बुकिंग कर रहे हैं.
इसके अलावा निवेशकों में एक डर भी है. निवेशकों को लग रहा है कि शेयरों की वैल्यूएशन बेहद ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है और इससे एक बुलबुला बन रहा है जो कि कभी भी फट सकता है. निवेशकों को लगता है कि इससे मार्केट में तेज गिरावट आ सकती है और उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कुछ एक्सपर्ट्स को लगता है कि गुजरे कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) के सुस्त परफॉर्मेंस से भी कुछ निवेशकों में निराशा थी. इसके चलते निवेशक अब सीधे स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने का फैसला कर रहे हैं.
अगर इन वजहों से निवेशक इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) से बाहर निकल रहे हैं तो यह इक्विटी निवेश के मूल सिद्धांत के खिलाफ जाता है.
जो लोग पहली बार निवेश के मैदान में उतर रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि इक्विटी में सीधे या म्यूचुअल फंड्स के जरिए पैसा लगाना एक जोखिमभरा काम है और इसके अपने फायदे और नुकसान हैं.
हालांकि, लंबे वक्त में पूंजी बनाने के लिए आपको लंबे वक्त तक मार्केट से जुड़े रहना होता है. ऐसा कई दफा कहा गया है कि मार्केट की टाइमिंग पकड़ने या इसके हाई या लो का अंदाजा लगाना और उसी हिसाब से निवेश के फैसले करना एक गलत फैसला हो सकता है.
मिसाल के तौर पर, अगर किसी ने उस वक्त बिक्री की जबकि फरवरी 2020 में बीएसई सेंसेक्स 41,000 के ऊपर था, तो वह इसके बाद मार्केट में आई गिरावट के बाद काफी खुश हुआ होगा. लेकिन, मार्केट में आई मौजूदा रैली को देखकर उसे निराशा हो रही होगी कि उसने पिछले साल शेयर बेचकर या फंड से निकलकर गलती कर दी.
इक्विटी निवेश में आपको मार्केट साइकल का सामना करना होता है और इसी से आप पूंजी खड़ी कर पाते हैं. मार्केट की मौजूदा तेजी को देखते हुए इस बात की बड़ी उम्मीद है कि मार्केट एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है. ऐसे में जो लोग अभी मार्केट में टिके रहेंगे वे आगे जाकर ज्यादा फायदा उठा सकते हैं. हालांकि, मार्केट का कुछ पता नहीं है और यह गिर भी सकता है.
दूसरा मसला, स्टॉक्स में सीधे निवेश से जुड़ा हुआ है. अगर आपके पास पर्याप्त जानकारी है और आपके पास इतना वक्त है कि आप शेयर बाजार में सीधे निवेश कर सकें तो यह एक अच्छी बात है. लेकिन, अगर आपको मार्केट के बारे में पता नहीं है तो इस बात की पूरी संभावना है कि आप अपने हाथ जला बैठेंगे.
दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश के जरिए आप अपने पैसों को प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स के हाथ सौंप देते हैं. इनका काम ही स्टॉक्स का अध्ययन करना और उस हिसाब से निवेश के फैसले लेना होता है.
म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) सुस्त हो सकते हैं और कई दफा आपको इनसे निराशा हो सकती है, लेकिन आपका पैसा सुरक्षित हाथों में होता है. इसके बाद आप खुद सीधे भी पैसा लगा सकते हैं.
इस संबंध में प्रमुख ब्रोकरेज हाउस जेरोधा ने इस बात का जिक्र किया है कि एक्टिव ट्रेडिंग में भागीदारी करने वाले 1 फीसदी से भी कम लोग लंबे वक्त में फिक्स्ड डिपॉजिट के रिटर्न को पछाड़ पाते हैं.
इसके अलावा, म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो तैयार करते हैं. इसमें वे निवेशकों से इकट्ठी की गई रकम का इस्तेमाल करते हैं. इस पोर्टफोलियो में अलग–अलग सेक्टरों के कई स्टॉक्स शामिल होते हैं. ऐसे में एनएवी में इजाफा सुस्त दिखाई दे सकता है. लेकिन, जब मार्केट गिरता है तो यही चीज आपको बचाती भी है.
आपके खुद तैयार किए गए स्टॉक पोर्टफोलियो में कई तरह के जोखिम हो सकते हैं और यह खतरनाक साबित हो सकता है.
निवेशकों को समझना होगा कि मार्च 2020 से मार्केट में आई गिरावट का किसी को भी कोई अंदाजा नहीं था. कोविड-19 दबे पांव आया और जब फैला तो पूरी दुनिया के स्टॉक मार्केट धराशायी हो गए.
लेकिन, मार्केट ने इससे उबरने में भी बड़ी तेजी दिखाई है.
हालांकि, ये भी हो सकता है कि कुछ लोगों को वाकई में पैसों की जरूरत हो और वे इसी वजह से पैसे निकाल रहे हों. लेकिन, हमेशा बेहतर यही होता है कि आप लंबे वक्त के लिहाज से पैसे लगाएं और अपने वित्तीय लक्ष्य दिमाग में रखें. मार्केट में शॉर्ट–टर्म में होने वाले उतार–चढ़ाव से परेशान न हों. अपने भविष्य के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए आपको अपको मार्केट में टिके रहना चाहिए.
(कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.)