2021 में ऐसे करें पैसों का सही मैनेजमेंट

Money Management: नौकरियों के जाने या सैलरी कट से लॉकडाउन में आपने इमरजेंसी फंड्स की अहमियत को समझा होगा, इमरजेंसी फंड पहली जिम्मेदारी है

  • Team Money9
  • Updated Date - February 15, 2021, 12:13 IST
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अपने मासिक बजट को लिखना आपकी फाइनेंशियल प्‍लानिंग बनाने और अपनी गलतियों को समझने के लिए भी बेहद मददगार है

अपने मासिक बजट को लिखना आपकी फाइनेंशियल प्‍लानिंग बनाने और अपनी गलतियों को समझने के लिए भी बेहद मददगार है
Money Management: साल 2020 ने हमारे काम करने, कमाने और निवेश करने के तरीकों को बदलकर रख दिया है. अब जिंदगी सामान्य की तरफ बढ़ रही है. अब वक्त अतीत को पीछे छोड़कर, नई शुरुआत करने का है.

जानिए उन नए तरीकों के बारे में जिनसे आप साल 2021 में अपने फाइनेंस को अच्छे तरीके से मैनेज (Money Management) कर सकते हैं

इक्विटी को नया दोस्त बनाए: बेंचमार्क अपने सबसे ऊंचे स्तर पर है, मार्केट विशेषज्ञ और कई जानकार मान रहे हैं कि ये सुधार के संकेत हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपने फंड्स (Fund) पूरी तरह बेच दें और स्टॉक्स से बाहर निकल जाएं. बस, ध्यान रखें कि इक्विटी के प्रति आपका निवेश जरूरत से ज्यादा न हो. ऐसी उम्मीद जताई की जाती है कि जोखिम को कम करने के लिए किसी को पोर्टफोलियो को बैलेंस करना चाहिए. इन हालातों में जब बाजार रैली कर रहा है, जरूरत है कि अपनी कुछ इक्विटी बेचकर और कुछ होल्ड करके अपनी आय को सुरक्षित रखना चाहिए.

इमरजेंसी फंड्स तैयार रखें: नौकरियों के जाने या सैलरी के कटने से लॉकडाउन में आपने इमरजेंसी फंड्स (Emergency Fund) की अहमियत को समझा होगा. इमरजेंसी फंड्स (Emergency Fund) तैयार रखना पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए, क्योंकि खराब हालात पहले से बताकर नहीं आते हैं. 3-4 महीने की जरूरत की रकम को एक तरफ सुरक्षित रख दीजिए, जो आपको बेहद कम समय या इमरजेंसी हालात में मदद कर सकें. ऐसे पैसे को ज्यादा रिटर्न की आशा में किसी रिस्क में न डालें. इस फंड का मकसद ज्यादा रिटर्न कमाना नहीं होना चाहिए.

इंश्योरेंस कवर का रिव्यू करें: इमरजेंसी फंड्स (Emergency Fund) आपकी जिंदगी के खर्चे उठाने के लिए होते हैं लेकिन वो आपके अस्पताल के खर्च के लिए नहीं होते हैं. मेडिकल इमरजेंसी के लिए आपके पास अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस होना चाहिए. कोरोना के अनुभव ने बता दिया है कि 2-3 लाख इलाज के लिए कोई ज्यादा रकम नहीं है. इसलिए कम से कम 5 लाख रुपए का कवर लें, जिस पर अतिरिक्त 3-5 लाख का टॉप अप कवर होना चाहिए.

अपने रिटायरमेंट प्लान में बदलाव करें: बजट में प्रोविडेंट फंड (Provident) पर 2.5 लाख रुपये से अधिक के ब्याज पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है. अगर आप उन लोगों में से हैं, जिन्होंने VPF के जरिए प्रोविडेंट फंड में ज्यादा राशि जमा करा रखी है, तो ये आपके लिए अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव करने का समय है. अपने भविष्य निधि योगदान को 2.5 लाख रुपये तक सीमित करें और फिर सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) में निवेश करें ,जहां आपका पैसा ज्यादा रिटर्न के साथ टैक्स फ्री है. यदि आपके पास 1.5 लाख रुपये की PPF सीमा समाप्त करने के बाद कोई अतिरिक्त रकम है, तो केवल तभी VPF योगदान बढ़ाने पर विचार करें.

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अब बढ़िया विकल्प नहीं: बजट ने जमा बीमा सीमा की रकम को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. इसके फलस्वरूप, निवेशकों को अलग-अलग बैंकों में ज्यादा डिपोजिट कराने की सलाह नहीं है. जमा बीमा कवर के तहत अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए आप प्रत्येक बैंक में 5 लाख रुपये तक का ही निवेश करें.

गोल्ड में निवेश करें: बाजार एक्सपर्ट्स के मुताबिक महंगाई 2021 के अनुमान से ज्यादा होगी. सोना, महंगाई के खिलाफ काम करता है, इसलिए इसमें निवेश एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) सोने में निवेश का एक अच्छा विकल्प है क्योंकि मूल्य निर्धारण सोने की कीमतों से जुड़ा हुआ है, और एक अतिरिक्त ब्याज भुगतान है. सावधानी का एक शब्द: सोने में बहुत अधिक निवेश न करें. विशेषज्ञों का कहना है कि सोने का आवंटन पोर्टफोलियो के 5-10% से अधिक नहीं होना चाहिए.

पैसों के मैनेजमेंट (Money Management) पर निष्कर्ष: IMF का मानना है कि बुरा वक्त बीत चुका है. अब हमारे लिए सही समय है, हमें अपने लक्ष्य के प्रति ऊर्जावान रहना चाहिए.

(लेखक MyMoneyMantra.com के मैनेजिंग डायरेक्टर है)

Disclaimer: कॉलम में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. लेख में दिए फैक्ट्स और विचार किसी भी तरह Money9.com के विचारों को नहीं दर्शाते.
Published - February 15, 2021, 12:13 IST