Financial Planning: हम हर सुबह जब उठते हैं तो दिन के लिए एक प्लान तय होता है जिसे हम हासिल करना चाहते हैं. आप ऐसा कोई प्रोजेक्ट पूरा करना चाहेंगे जिसपर पहले से काम कर रहे हैं. या फिर किसी ग्राहक के साथ कोई महत्तवपूर्ण सौदा पूरा करना चाहेंगे. दिन के लिए तय गोल को हम में से कई इसलिए हासिल कर पाते हैं क्योंकि हमने पहले से उसका प्लान बनाया होता है. जिंदगी के बड़े लक्ष्य जैसे घर खरीदना, कार लेना, बच्चों की पढ़ाई और शादी से लेकर आराम वाले रिटायरमेंट तक के लिए आपको ध्यान से प्लान करना होगा.
गोल प्लानिंग की प्रक्रिया की शुरुआत एक आसान से कदम से होती है – अपने लक्ष्यों को लिखना. क्या आप अगले साल कार खरीदना चाहते हैं, सालगिरह जैसे खास मौकों पर विदेश घूमने जाना चाहते हैं या फिर पहली बार या कोई बड़ा घर लेने का प्लान है या फिर बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए पैसे बचा रहे है?
आपके लक्ष्य हासिल हो सकें इसके लिए जरूरी है कि आप अपने लक्ष्यों को बांटे – छोटी अवधि, मध्यम अवधि और लंबी अवधि. आप ये कैसे तय करेंगे कि कौन सा लक्ष्य मध्यम अवधि है और कौन सा लंबी अवधि का? इस आसान गाइड के जरिए आप लक्ष्य तय (Goal Setting) कर सकेंगे.
छोटी अवधि के लक्ष्य वे होते हैं जो आप 2 साल के अंदर पूरे करना चाहते हैं. जैसे कि एक इन्वेस्टमेंट प्लान तय करना, जरूरत के मुताबिक लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस लेना, निवेश के लिए अपनी सैलरी का एक हिस्सा ऑटो-डेबिट करना, और किसी अनिश्चितता की वजह से आई जरूरत के लिए इमरजेंसी फंड बनाना छोटी अवधि के लक्ष्य में शामिल होंगे. एक महंगा फर्नीचर लेने से लेकर बड़ा फ्रिज और फैमिली को छुट्टियों पर घुमाने ले जाना भी आपकी छोटी अवधि के लक्ष्य में शामिल है.
मध्यम अवधि के लक्ष्य वे हैं जो आप 2 से 5 साल के अंदर हासिल करना चाहेंगे. अपना खुद का अपार्टमेंट लेना या बड़े घर खरीदना एक मध्यम अवधि का लक्ष्य हो सकता है.
लंबी अवधि के लक्ष्य में आपके जीवन के बड़े सपने शामिल होते हैं. इसमें बच्चों की कॉलेज की पढ़ाई, शादी, रिटायरमेंट से पहले होम लोन चुकाने, या समय से पहले वर्कलाइफ से छुट्टी लेकर रिटायरमेंट लेने के लिए जरूरत पड़ने वाला कॉरपस जमा करना लंबी अवधि के लक्ष्य में शामिल होगा.
इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हर लक्ष्य के लिए एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी बनानी होगी. आम तौर पर इसके लिए दशकों तक निवेश में अनुशासन बनाए रखना पड़ता है. आप अपने लक्ष्य हासिल कर सकें इसकी संभावना बढ़ानी हो तो आपके जल्दी से जल्दी निवेश की शुरुआत करनी चाहिए. पहली सैलरी से ही निवेश शुरू कर देना आदर्श माना जाता है.
एक बार आपको अपने लक्ष्य पता हों तो आप खर्च पर फैसला सोच-समझकर ले सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, आप पहले बचत करेंगे और फिर इनकम का जो हिस्सा बचा होगा उसे खर्च करेंगे. अपने लक्ष्य पता होने पर आप उसी हिसाब से निवेश प्लान बना पाएंगे और जिंदगी के अहम गोल हासिल कर सकेंगे.
अगर आप अपने जीवन के लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं तो अब आपको पता है कि क्या करना होगा. पेन और पेपर उठाइए और प्लानिंग की शुरुआत कीजिए. पर ध्यान रहे कि आपके लक्ष्य ऐसे हों जो आप हासिल कर सकते हैं वर्ना काफी संभावना है कि आप फेल हो सकते हैं.
(लेखक: TV9 कन्नड के मैनेजिंग एडिटर हैं, और इससे पहले ET Now, बिजनेस टुडे के मैनेजिंग एडिटर रह चुके हैं.)