साइबर ठगों से आम लोगों का पैसा बचाने के लिए जरूरी है रिपॉजिटरी

इस तरह की रिपॉजिटरी में सभी कंपनियां शामिल होंगी और ऐसे कस्टमर्स भी होंगे जिनके साथ फ्रॉड हुए हैं. ये सबके लिए फायदेमंद होगा.

market capitalisation, BSE, NSE, m-cap, retail investor, sensex, nifty

अगर आप किसी पुलिस स्टेशन जाते हैं तो आपको एक बोर्ड दिखाई देता है जहां पर इलाके में सक्रिय अपराधियों के फोटो लगे होते हैं. इसका मकसद इलाके के लोगों को इन अपराधियों से सतर्क करना होता है.

इसी धरातल पर डिजिटल इंडिया भी शक्ल ले रहा है और लाखों लोग हर दिन ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस करते हैं. ऐसे में लोगों को ऑनलाइन फर्जीवाड़े से बचाने के लिए एक राष्ट्रीय रिपॉजिटरी बनाना जरूरी है.

हाल में ही एक फर्जीवाड़ा करने वालों की एक सेंट्रलाइज्ड रिपॉजिटरी बनाने की मांग नीति आयोग और मास्टरकार्ड के बीच हुई चर्चा के दौरान उठी. इस रिपॉजिटरी के जरिए पुलिस साइबर दुनिया पर ज्यादा गहरी नजर रख पाने में सक्षम हो सकती है.

गुजरे कुछ वर्षों में डिजिटल ट्रांजैक्शंस और ऑनलाइन बैंकिंग के डोमेन में साइबर सिक्योरिटी का मसला सुर्खियों में आया है. सरकार के कैशलेस सोसाइटी बनाने की कोशिशों के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड्स भी बढ़े हैं.

इस तरह की रिपॉजिटरी में सभी कंपनियां शामिल होंगी और ऐसे कस्टमर्स भी होंगे जिनके साथ फ्रॉड हुए हैं. ये सबके लिए फायदेमंद होगा. निश्चित तौर पर सरकार को इस मामले में पहल करनी होगी चूंकि इससे आम लोगों का ऑनलाइन और रिमोट ट्रांजैक्शंस में भरोसा बढ़ेगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पहले ही एक बहुभाषाई पोर्टल बनाने की पहल शुरू कर चुका है. इसमें संदेहास्पद इकाइयों और डिजिटल फ्रॉड को दर्ज कराया जा सकता है.

लेकिन, अलग-अलग तरीकों से लोगों को चूना लगाने वालों पर काबू पाने के लिए ये नाकाफी है. दुनिया के दूसरे देशों में इस तरह की रिपॉजिटरीज के उदाहरण हैं.

यूनाइटेड नेशंस (UN) ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम ने एक साइबरक्राइम रिपॉजिटरी शुरू की है. इसके जरिए देशों को साइबर अपराधियों को पकड़ने और इनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिली है.

अगर इन अपराधियों को कानून के शिकंजे में नहीं लाया जाएगा तो बढ़ते साइबर अपराधों के चलते लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस से दूरी बनाने लगेंगे. 2014-15 से 2018-19 के बीच भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शंस 61% की CAGR से बढ़े हैं. वैल्यू टर्म में बात की जाए तो इनमें 19 फीसदी का इजाफा हुआ है.

इंडियन फइनटेक की जून 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग सेक्टर में 40,000 साइबर अटैक दर्ज किए गए. ऐसे में इस तरह की रिपॉजिटरी बनाना आम लोगों के हित में होगा.

Published - May 14, 2021, 08:35 IST