शादियों का दौर शुरू हो गया है. 23 नवंबर यानी गुरुवार को देवउठनी एकादशी व तुलसी विवाह के शुभ मौके पर देश की राजधानी में बड़े पैमाने पर शादी समारोह का आयोजान किया गया. जानकारों के मुताबिक शादी सीजन के पहले दिन दिल्ली में लगभग 40 हजार शादी समारोह का आयोजन किया गया. कई लोगों ने भगवान श्री शालिग्राम और माता तुलसी का भी विवाह धूमधाम से मनाया. नवंबर-दिसंबर में शादियों के लिए कम शुभ तिथियां होने के कारण 15 तारीख तक लगभग 11 दिनों तक भारी संख्या में शादी समारोह का आयोजन होगा. जिसमें अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि इस बार नवंबर-दिसंबर में शादियों के लिए कम शुभ तिथियां कम हैं इसलिए बड़े पैमाने में इनदिनों शादियां होंगी. ऐसे में दिल्ली के सभी हिस्सों में होटल, बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस, सार्वजनिक पार्क, सामुदायिक केंद्र, धर्मशालाएं और अन्य सभी प्रकार के सार्वजनिक स्थान पहले से ही बुक किए गए हैं.
कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा और प्रदेश महासचिव आशीष ग्रोवर ने कहा कि बैंड बाजे, ढोल, शहनाई, बारात के लिए घोड़ियां, रथ और अन्य सजावटी वाहन, लाइट और साउंड आदि पूरी तरह से बुक हैं.पेशेवर स्वागत समूह, खानपान, क्रॉकरी, तम्बू सजावट, फूल सजावट, ऑर्केस्ट्रा और संगीत समूह भी बेहतर कारोबार कर रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में, इवेंट मैनेजमेंट और गिफ्ट पैकिंग का एक नया व्यवसाय धीरे-धीरे उभर रहा है. इसके अलावा विवाह कराने के लिए पंडितों की भारी मांग है.
CAIT की ज्योतिष विज्ञान एवं वेद ज्ञान समिति के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध वेद विद्वान आचार्य दुर्गेश तारे का कहना है कि देवप्रबोधनी एकादशी एक पवित्र दिन है. इस दिन भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं. इस दिन उनके स्वरूप शालिग्राम का विवाह माता तुलसी के साथ हुआ था. यही वजह है कि लोग शादी के लिए इस तिथि को शुभ मानते हैं.