अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस सप्ताह दुबई में आयोजित होने वाले वार्षिक जलवायु वार्ता में शामिल नहीं हो सकते हैं. वे इसे छोड़ने की योजना बना रहे हैं. हालांकि उनके कार्यक्रम में न जाने को लेकर व्हाइट हाउस की तरफ से कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है. बाइडेन की गैरमौजूदगी में वार्ता कार्यक्रम में अमेरिका की तरफ से विशेष दूत जॉन केरी, जलवायु सलाहकार अली जैदी और स्वच्छ ऊर्जा सलाहकार जॉन पोडेस्टा शामिल होंगे. बता दें यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें लगभग 200 देशों और वेटिकन के राष्ट्राध्यक्षों एवं राजनयिकों के शामिल होने की उम्मीद है.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एंजेलो फर्नांडीज हर्नांडेज़ का कहना है कि इस समय उनके पास राष्ट्रपति के लिए साझा करने के लिए कोई यात्रा अपडेट नहीं है, प्रशासन एक मजबूत और उत्पादक COP28 की आशा करता है. साथ ही उनकी टीम जलवायु संकट से निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी. बता दें बाइडेन ने साल के अंत से पहले अफ्रीका का दौरा करने का भी वादा किया था, लेकिन उस यात्रा में के भी टलने की आशंका है. यूं तो व्हाइट हाउस ने इसका कोई कारण नहीं बताया, लेकिन जानकारों का मानना है कि राष्ट्रपति बाइडेान यूक्रेन में युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष के साथ-साथ सरकारी फंडिंग पर कांग्रेस के साथ घरेलू लड़ाई में गहराई से शामिल रहे हैं, इसलिए वे अन्य कार्यक्रमों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं.
बता दें दो सप्ताह के लिए आयोजित होने वाले जलवायु वार्ता कार्यक्रम COP28 का आयोजन गुरुवार से होगा. सीओपी का मतलब है “पार्टियों का सम्मेलन”, इसमें वे राष्ट्र शामिल हैं जो 1992 में संयुक्त राष्ट्र के तैयार किए गए जलवायु परिवर्तन ढांचे पर सहमत हुए थे. इस वर्ष यह 28वीं बार आयोजित होगा, इसलिए इसे “सीओपी28” नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को स्थिर करने और जलवायु प्रणाली में “खतरनाक” मानवीय हस्तक्षेप को रोकने पर जोर दिया जाता है. देशों का लक्ष्य पृथ्वी के तापमान को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार जीवाश्म ईंधन से दूर करना है. इस साल दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा तेल उत्पादक संयुक्त अरब अमीरात जलवायु वार्ता की मेजबानी कर रहा है.