आज के डिजिटल दौर में बहुत से ऐसे गैंबलिंग ऐप्स और वेबसाइट बिना केवाईसी के संचालित हो रहे हैं. ये अवैध एप्लिकेशन और वेबसाइट जोखिमों को बढ़ावा दे रहे हैं. ये बच्चों और नाबालिगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी पर लगाम लगाने के मकसद से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखा है. जिसमें इनके केवाईसी मानदंडों की कमी के बारे में बताया गया है.
एनसीपीसीआर ने बताया कि ‘सोसाइटी अगेंस्ट गैंबलिंग’ की एक शिकायत में बताया गया है कि देश में कई अवैध ऑनलाइन गैंबलिंग ऐप्स और वेबसाइट चलाए जा रहे हैं. चूंकि इसमें बच्चें भी जुड़े हुए है इससे भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं. आयोग ने कहा, ये वेबसाइटें और ऐप्स भारत में उचित पंजीकरण के बिना चल रहे हैं. इन प्लेटफार्मों के यूजर्स के लिए केवाईसी मानदंडों की गैरमौजूदगी ऐसी गतिविधियों से जुड़े जोखिमों को बढ़ाती है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भेजते है सीधे मैसेज
पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने आईटी मंत्रालय से 10 दिनों के अंदर भारत में संचालित हो रहे ऐसे सभी प्लेटफॉर्मों की एक विस्तृत रिपोर्ट साझा करने की अपील की है. बता दें NCPCR, एक स्वतंत्र वैधानिक निकाय है, जिसे देश में बच्चों और नाबालिगों के अधिकारों की सुरक्षा का काम सौंपा गया है. पत्र में सौ से ज्यादा गैंबलिंग वेबसाइटों और एप्लिकेशन का विवरण भी है. आरोप है कि ये प्लेटफॉर्म नाबालिगों को सीधे मैसेज भेजने के लिए टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उन्हें इन गैंबलिंग ऐप्स और वेबसाइटों का उपयोग करने के लिए लुभाया जाता है.