वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते चलन की वजह से दुनियाभर में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर में नौकरियां लगातार कम हो रही है. इसका असर दुनिया के बड़े IT सेवा निर्यातक भारत पर भी पड़ रहा है और भारत में दिग्गज IT कंपनियों ने कर्मचारियों की नई नियुक्ति घटा दी है. साथ ही कंपनियों में जो कर्मचारी नौकरी छोड़कर जा रहे हैं उनकी जगह या तो नई भर्ती कम की जा रही है या फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हवाले काम चलाया जा रहा है. आईटी कंपनियों में खासकर फ्रेशर्स की नियुक्तियां बहुत कम हो गई हैं.
देश की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी इन्फोसिस ने अपने यहां कॉलेज प्लेसमेंट तक रोक दी है. कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) निलंजन रॉय ने कहा कि कंपनी फिलहाल नई भर्तियों के लिए कॉलेज परिसर नहीं जा रही है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की तरफ से जिन लोगों को नौकरी के लिए पहले से पेशकश की जा चुकी है, उनकी नियुक्ति की जाएगी. निलंजन रॉय के मुताबिक वे अपने कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं.
इंफोसिस अपने यहां वर्क फ्रॉम होम सुविधा को धीरे धीरे बंद कर रही है. इंफोसिस के CEO सलिल पारेख ने कहा है कि उनके यहां वर्क फ्रॉम ऑफिस में बढ़ोतरी हो रही है और कर्मचारी ऑफिस आकर काम कर रहे हैं. कंपनी ने पिछले साल 50 हजार युवाओं को नौकरी दी थी.
इंफोसिस से पहले देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS ने भी बताया था कि उसके यहां कुल कर्मचारियों की संख्या में 6000 से ज्यादा की गिरावट आई है, देशभर में अब कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 6.14 लाख बची है. टीसीएस ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम सुविधा बंद कर दी है और ऑफिस से काम करने के लिए कहा है.
भारत दुनियाभर का बड़ा IT सेवा निर्यातक देश है. वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान भारत का सेवा निर्यात करीब 27 फीसद बढ़कर 322 अरब डॉलर का रहा है और इस सेवा निर्यात में सबसे बड़ी हिस्सेदारी IT सेवा एक्सपोर्ट की है. लेकिन वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती की वजह से भारत से आईटी निर्यात प्रभावित हो रहा है जिस वजह से घरेलू IT कंपनियों में नौकरियां कम हो रही है. इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी अब नौकरियां खाने लगा है.