नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने पुरुषों की ग्रूमिंग और पर्सनल केयर फर्म सुपरमैक्स पर्सनल केयर के दिवालिया समाधान प्रक्रिया के आवेदन को स्वीकार कर लिया है और क्षितिज गुप्ता को कंपनी का अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है. मुंबई स्थित सुपरमैक्स पर्सनल केयर सुपर-मैक्स ग्रुप का एक हिस्सा है. कंपनी बड़े पैमाने पर रेज़र, ब्लेड और शेविंग क्रीम जैसे उत्पाद बनाती है. सुपरमैक्स पर 1.97 करोड़ के बकाए पर डिफॉल्ट का आरोप है. ग्रूमिंग कंपनी की ओर से बकाए का भुगतान न किए जाने पर ऑपरेशनल क्रेडिटर ने पिछले साल सितंबर में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का दरवाजा खटखटाया था. इसी के तहत ट्रिब्यूनल ने दिवालिया समाधान प्रक्रिया की मंजूरी दे दी है.
एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने कंपनी के ऑपरेशन लेंडर निंबस पैकेजिंग की ओर से दायर एक आवेदन को स्वीकार कर लिया था. न्यायिक सदस्य किशोर वेमुलापल्ली और तकनीकी सदस्य अनु जगमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 11 जनवरी के अपने आदेश में कहा कि कॉर्पोरेट देनदार सुपरमैक्स पर्सनल केयर ने अपने जवाब में अपनी देनदारी स्वीकार की है और कहा कि वह गंभीर वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहा है. चूंकि मसले में ऋण और डिफ़ॉल्ट मौजूद हैं और कंपनी की ओर से पहले से मौजूद कोई विवाद सामने नहीं लाया गया है, इसलिए इस मामले को दिवालियापन और दिवालियापन संहिता के तहत स्वीकारा जा रहा है.
ऑपरेशनल लेंडर की ओर से पेश होते हुए, लॉ फर्म एंड्री लीगल के संस्थापक आशीष प्यासी ने कहा था कि निंबस पैकेजिंग ने कंपनी को कार्टन और अन्य पैकेजिंग सामग्री की आपूर्ति की थी. भुगतान में देरी होने पर निंबस ने सुपरमैक्स पर्सनल केयर से बैंक से क्रेडिट पत्र देने को कहा था. हालांकि, देनदार कंपनी ने देय चालान के खिलाफ एलसी नहीं दिया. सुपरमैक्स ने कुछ महीनों में राशि का भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन कभी पैसे नहीं चुकाए. जरूरत से ज्यादा बकाया होने के चलते पैकेजिंग कंपनी ने ट्रिब्यूनल का सहारा लिया.