हल्दीराम और पेप्सिको जैसे ब्रांड्स को टक्‍कर दे रही गुजरात की ये कंपनी

बालाजी 12% हिस्‍सेदारी के साथ नमकीन स्‍नैक बाजार का तीसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी है

हल्दीराम और पेप्सिको जैसे ब्रांड्स को टक्‍कर दे रही गुजरात की ये कंपनी

गुजरात की पॉपुलर स्‍नैकिंग कं‍पनी बालाजी वेफर्स, बिक्री के मामले में डोमिनोज़ पिज्‍जा, डंकिन डोनट्स और जुबिलेंट फूडवर्क्स जैसे नामी ब्रांड को टक्‍कर दे रही है. इतना ही नहीं ये फूड बाजार के बड़े खिलाड़ी हल्‍दीराम और पेप्सिको को भी पछाड़ने में लगी हुई है. वर्तमान में भारत का नमकीन स्‍नैक बाजार 43,800 करोड़ रुपए का है. जिसमें हल्दीराम की हिस्‍सेदारी 21% और पेप्सिको की 15% है, वहीं बालाजी 12% के साथ तीसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी है. बालाजी वेफर्स ने मार्च 2023 को समाप्त वर्ष में 5,000 करोड़ रुपए की वार्षिक बिक्री का आंकड़ा पार किया. वहीं डोमिनोज और डंकिन कंपनियों की बिक्री इस वित्‍त वर्ष 5,158 करोड़ रुपए की रही. जबकि नेस्ले के मैगी नूडल्स, सॉस, सीज़निंग, पास्ता की वार्षिक बिक्री 5,300 करोड़ रुपए थी. कंपनी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 में पिछले वर्ष के 7.2 करोड़ रुपए से बढ़कर 409 करोड़ रुपए हो गया.

दिलचस्‍प बात यह है कि कंपनी की आय महज चुनिंदा राज्‍यों में होने वाली बिक्री से होती है. बालाजी एक दर्जन से भी कम राज्यों में आलू के चिप्स, भुजिया और नमकीन बेचता है. ये मुख्य रूप से पश्चिमी राज्यों जैसे- गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में ज्‍यादा कारोबार करता है. यहां के संगठित बाजार में इसकी हिस्सेदारी 65% होने का अनुमान है.

कंपनी का कहना है कि उनका मुनाफा हमेशा कुल बिक्री के 8-9% के आसपास था, लेकिन महामारी के दो साल ऐसे थे जब कंपनी ने प्रमुख कच्चे माल और रसद लागत दोगुनी होने के बावजूद उत्‍पादों की कीमतें नहीं बढ़ाईं, जिससे कंपनी का पूरा मार्जिन खत्म हो गया. वित्त वर्ष 2023 में मुनाफा सामान्य हो गया है क्योंकि खाद्य कीमतें लगभग आधी हो गई हैं. जबकि अन्य इनपुट लागत भी कम हुई हैं. वित्त वर्ष 2022 में प्रतिस्पर्धा के कारण कॉस्‍ट कटिंग की गई, जिसमें उच्‍च वेतन वाले कर्मचारियों को हटाना पड़ा, जिससे पिछले साल कर्मचारियों की लागत में कमी आई. बता दें बालाजी वेफर्स कंपनी की स्‍थापना 1982 में चंदूभाई विरानी ने अपने दो भाइयों भीकूभाई और कनुभाई के साथ मिलकर की थी.

बालाजी वेफर्स ने चार दशक पहले एक मूवी थिएटर में स्नैक्स की बिक्री करने के साथ अपनी शुरुआत की थी, महामारी के बाद से इसकी बिक्री दोगुनी से अधिक हो गई है. कंपनी के पास अपना केवल एक सिंगल ब्रांड है. बालाजी अब इस क्षेत्र में लेज़ और कुरकुरे सहित पेप्सिको के किसी भी ब्रांड से बड़ा है. बालाजी की सफलता के पीछे इसका कम दाम है. उदाहरण के तौर पर बालाजी के नमकीन आलू चिप्स के 10 रुपए के पैक का वज़न 35 ग्राम है, जबकि पेप्सिको लेज़ का वज़न उसी कीमत पर 23 ग्राम है.

Published - November 30, 2023, 01:32 IST