आईटी कंपनियों के बाद अब छंटनी की गाज मीट रिटेलर लिशियस के कर्मचारियों पर गिरी है. स्टार्टअप कंपनी ने अपने 80 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. सूत्रों के मुताबिक कंपनी विकास की गति बढ़ाने और ऑपरेशनल व्यवस्था को रीसेट करने के लिए ऐसा कर रही है. ज्यादातर छंटनी कॉर्पोरेट टीमों में हुई है, जिसका असर सेल्स, मार्केटिंग और तकनीकी अधिकारियों पर पड़ा है.
कंपनी से जुड़े लोगों के मुताबिक भविष्य में कंपनी अपने संसाधनों का विस्तार करेगी और इससे जुड़ी रणनीतियों पर ज्यादा ध्यान देगी. बता दें टेमासेक और अमांसा कैपिटल समर्थित लिशियस में लगभग 650 कॉर्पोरेट कर्मचारी हैं, जबकि 2,350 कर्मचारी प्रोडक्शना और सप्लाई चेन का काम देखते हैं. लिशियस ने एक बयान में कहा है कि प्रभावित कर्मचारियों को मुआवजे के रूप में दो महीने के वेतन के साथ वित्त वर्ष 2024 के लिए वेरिएबल दिया जाएगा.
कैसा है कंपनी का प्रदर्शन?
लिशियस अपने सेगमेंट में एकमात्र यूनिकॉर्न है. कंपनी के अनुसार वर्तमान में इसका वार्षिक राजस्व रन रेट 900 करोड़ रुपए है. ऑनलाइन कारोबार पहले से ही सकारात्मक मार्जिन पर काम कर रहा है और वित्त वर्ष 2025 के अंत तक एबिटा लाभ की स्थिति में है. कंपनी वर्तमान में प्रति माह 75 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रख रही है और अगले कुछ महीनों में इसे बढ़ाकर 77-78 करोड़ रुपए करने पर काम कर रही है. कम ऑनलाइन पहुंच और बाजार में संगठन की कमी के कारण टेमासेक, प्रोसस, टाइगर ग्लोबल, 3वन4 कैपिटल और अमेज़ॅन जैसे प्रमुख निवेशकों ने डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) मीट में 1 बिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग की है. लिशियस ने वित्त वर्ष 2023 में अपने राजस्व में 9% की सालाना वृद्धि दर्ज की, जो करीब 748 करोड़ रुपए की रही.