म्यूचुअल फंड में सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए सेविंग कर रहे निवेशकों को कुछ सवाल बहुत परेशान करते हैं. मसलन, SIP निवेश से पैसे कब निकालने चाहिए? बाजार लंबे वक्त तक गिरता रहे और SIP में घाटा हो तो ऐसे वक्त में क्या करना चाहिए?
छोटी शुरुआत करें, मगर जल्दी करें
बचत का सफर जितनी जल्दी शुरू करेंगे उतना लंबा चलेगा. लंबे समय तक SIP से नियमित रूप से निवेश करने से आपको ग्रोथ और सेविंग्स में अधिक फायदा होगा.
मान लीजिए, दो दोस्त हैं, प्रवीन और महेश. दोनों की उम्र 20 साल है. महेश ने 30 साल की उम्र में और प्रवीन ने 20 साल की उम्र में SIP की शुरुआत की थी. दोनों रिटायरमेंट के लिए 55 साल की उम्र तक हर महिने 10,000 रुपये का निवेश कर रहे हैं.
यदि दोनों को सालाना 15% रिटर्न मिलता है तो प्रवीन जब 55 साल के होंगे, तब उन्हें 14.86 करोड़ रुपये मिलेंगे. वहीं, महेश जब 55 साल के होंगे तब उन्हें 3.28 करोड़ रुपये ही मिलेंगे.
आखिर ऐसा क्यों? क्योंकि प्रवीन के निवेश की अवधि 35 साल हो रही है, वहीं महेश की निवेश–अवधि 25 साल रही है. यानी जल्दी शुरुआत करने से आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा.
मार्केट गिरे तो भी टिके रहें
मार्केट में तो उतार–चढ़ाव होता रहता है. आपको बाजार में कुछ समय के लिए आई गिरावट की परवाह नहीं करनी चाहिए, क्योंकि लंबी अवधि में यह सामान्य हो जाता है.
अगर आपका लक्ष्य 5-7 साल दूर है तो इक्विटी में निवेश करने पर लॉन्ग-टर्म में अधिक पैसा बनाने में मदद मिलती है. SIP का यही तो फायदा है कि आपको इस उतार–चढ़ाव का फायदा उठाने में मदद मिलती है.
पैसा निकालना कब शुरू करें
लक्ष्य के करीब आने से पहले धीरे–धीरे पैसा निकालना शुरू कर देना चाहिए. ऐसी स्थिति में लक्ष्य करीब आने पर बाजार में बड़ी गिरावट आती भी है तो बहुत फर्क नहीं पड़ेगा. अगर आपका लक्ष्य 2-3 साल दूर है तब इक्विटी में अधिक निवेश से जोखिम की स्थिति बन सकती है.
लक्ष्य के करीब होने पर अगर बाजार में बड़ी गिरावट आती है तो उसके लिए आपके पास पर्याप्त फंड नहीं बचेगा. पैसा निकालने से पहले अपने फंड का प्रदर्शन जरूर देख लें.
फंड का प्रदर्शन ट्रैक करें
आपके द्वारा निवेश किए गए फंड के प्रदर्शन को ट्रैक करें. अगर फंड का एक साल का प्रदर्शन खराब है तो उसका कारण बाजार का उतार–चढ़ाव हो सकता है.
लेकिन, अगर प्रदर्शन 18 महीने से अधिक समय के लिए कमजोर है तो दूसरे बेहतर फंड की तलाश करनी चाहिए. लेकिन, ऐसा करने से पहले आपको म्यूचुअल फंड की तुलना उसी के समान फंड के साथ करनी चाहिए.
पोर्टफोलियो को कब संतुलित करें
इसका आधार आपकी रिस्क–कैपेसिटी पर है. यह रकम तय नहीं होती. फाइनेंशियल प्लानर्स का कहना है कि साल में एक बार या बाजार में बड़े उतार–चढ़ाव के बाद पोर्टफोलियो को संतुलित करना चाहिए.
अगर आप खुद यह काम नहीं कर सकते तो आपके लिए डायनमिक फंड में निवेश करना बेहतर रहेगा.