अगर म्यूचुअल फंड स्कीम्स की बात आने पर आप इस बात को लेकर भ्रमित हो जाते हों कि किस बाजार पूंजीकरण में निवेश करना चाहिए तो मल्टी-कैप म्यूचुअल फंड्स आपके लिए हैं. सेबी के अनुसार, म्यूचुअल फंड के कुल निवेश का 75 फीसदी स्टॉक्स व स्टॉक्स से जुड़े अन्य साधनों में जाना चाहिए. इस लिमिट को बाजार पूंजीकरण के हिसाब से और भी श्रेणियों में बांटा गया है.
मल्टी-कैप फंड के मामले में यह सुझाव दिया जाता है कि फंड हाउस को कम से कम 25 फीसदी तीन श्रेणियों ‘लार्ज कैप, स्मॉल कैप और मिड कैप कंपनियों’ में लगाना चाहिए. मल्टी-कैप फंड्स में निवेश करने के लिए 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO) पर विजिट करें, जहां आपके लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं. आप 5paisa.com के साथ आज ही अपनी निवेश यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं.
मल्टी-कैप फंड्स सभी सेगमेंट में पोर्टफोलियो होल्डिंग का विस्तार कर बाजार के जोखिम को कम करने और ग्रोथ हासिल करने का प्रयास करते हैं. इस कारण मल्टी-कैप फंड्स लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप जैसे पूंजीकरण आधारित फंड्स की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं. मल्टी-कैप फंड्स उन निवेशकों के लिए सबसे अच्छे होते हैं, जो जोखिम लेना पसंद नहीं करते हैं और न ही बहुत आक्रामक होना चाहते हैं. आइए उन कुछ अहम बिंदुओं के बारे में जानते हैं, जिनका ध्यान निवेशकों को रखना चाहिए:
अपने जोखिम को जानें
वैसे निवेशक, जो थोड़ा-बहुत जोखिम उठा सकते हैं और जिनके पास बाजार के किसी खास फंड को समझने का समय नहीं होता है, वे मल्टी-कैप फंड्स को चुन सकते हैं.
फंड मैनेजर की भूमिका
एक मल्टी-कैप फंड विभिन्न बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के स्टॉक और स्टॉक से जुड़े अन्य साधनों में निवेश करता है. इसके साथ ही फंड मैनेजर स्कीम के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए निवेश के पोर्टफोलियो का विस्तार करने के मौके तलाशता रहता है. इस कारण ऐसी स्कीम्स की सफलता के लिए फंड का मैनेजमेंट महत्वपूर्ण हो जाता है.
अपने फंड मैनेजर को जानें
निवेश करने से पहले आपको विभिन्न स्कीम्स में फंड मैनेजर के पहले के प्रदर्शन को जान लेना चाहिए. आपको यह भी देखना चाहिए कि उसने बाजार की तेजी और गिरावट के दौरान किस तरह से मल्टी-कैप फंड को हैंडल किया था.
मल्टी-कैप्स पोर्टफोलियो को संतुलित करते हैं
फंड मैनेजर्स के लिए कंपनी के साइज की कोई बाध्यता नहीं होती है और वे फंड के निवेश के उद्देश्यों से मेल खाने वाले बेहतर विकल्पों को चुन सकते हैं. लार्ज-कैप स्टॉक्स पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान करने में मदद कर सकते हैं, जबकि मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स पूंजी के सृजन में मददगार साबित हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में 5paisa.com जैसा एक प्लेटफॉर्म सॉलिड पोर्टफोलियो बनाने में सहायता कर सकता है.
जोखिम बदलते रहते हैं
इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि मल्टी-कैप फंड्स के पास चुनने के लिए ज्यादा स्टॉक्स के ऑप्शन रहते हैं, इस कारण उनसे जुड़े जोखिम बदल सकते हैं.
निवेश की सीमा
मल्टी-कैप फंड्स रिस्क और रिटर्न का बेहतर संतुलन प्रदान करते हैं, तेजी की संभावनाएं मुहैया कराते हैं और साथ-साथ गिरावट की स्थिति में निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. थोड़े-बहुत जोखिम उठा सकने वाले और पांच साल के निवेश का लक्ष्य लेकर चल रहे निवेशक इन फंड्स को चुन सकते हैं.
संवर्धित अर्थव्यवस्था (बढ़ती अर्थव्यवस्था)
एक अच्छे आर्थिक हालात में उच्च रिटर्न का लाभ पाने के लिए एक मल्टी-कैप फंड मैनेजर मिड और स्मॉल साइज कंपनियों में अपना एक्सपोजर बढ़ा सकता है.
अपने निवेश के लक्ष्य को न भूलें
किसी भी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से पहले अपने निवेश के लक्ष्य, उद्देश्य और जोखिम उठाने की इच्छा को समझ लें.