म्‍यूचुअल फंडों में फर्जी कारोबार पर सेबी का शिकंजा, जारी किए ये नियम

AXIS AMC और भारतीय जीवन बीमा निगम से जुड़े फ्रंट रनिंग मामलों में सेबी के आदेश के बाद निदेशक मंडल ने यह निर्णय लिया है.

म्‍यूचुअल फंडों में फर्जी कारोबार पर सेबी का शिकंजा, जारी किए ये नियम

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल (Sebi Board) ने म्यूचुअल फंड को संचालित करने वाले मानदंडों में मंगलवार को संशोधन किया. इसके अंतर्गत परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMCs) को संभावित बाजार दुरुपयोग रोकने के लिए एक ‘संस्थागत व्यवस्था’ (Institutional Mechanism) स्थापित करना जरूरी बनाने का फैसला किया गया है.

पहचान और संभावित बाजार दुरुपयोग की रोकथाम के अलावा प्रतिभूतियों में ‘फ्रंट-रनिंग’ (कीमत को प्रभावित करने वाली संवेदनशील जानकारी के आधार पर ब्रोकर का कारोबार करना) और धोखाधड़ी वाले लेनदेन पर यह संस्‍थागत व्‍यवस्‍था नजर रखेगी.

सेबी ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि व्यवस्था में उन्नत निगरानी प्रणाली, आंतरिक नियंत्रण प्रक्रियाएं और ‘फ्रंट रनिंग’, भेदिया कारोबार और संवेदनशील जानकारी के दुरुपयोग सहित खास तरह की गड़बडि़यों की पहचान, निगरानी और समाधान करने के लिए प्रक्रियाएं शामिल होनी चाहिए.

एक्सिस एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AXIS AMC) और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से जुड़े फ्रंट रनिंग मामलों में सेबी के आदेश के बाद निदेशक मंडल ने यह निर्णय लिया है. एक्सिस एएमसी के मामले में ब्रोकर-डीलर्स, कुछ कर्मचारी और संबंधित इकाइयां फ्रंट रनिंग को अंजाम दे रहे थे. एलआईसी के मामले में एक लिस्‍टेड बीमा कंपनी का कर्मचारी कंपनी के कारोबार का फ्रंट रनिंग करता पाया गया.

इसके अलावा अपनी योजनाओं के निवेश को पूरी तरह से समाप्त करने में असमर्थता के संबंध में वेंचर कैपिटल फंड (VCF) मानदंडों के तहत रजिस्‍टर्ड वीसीएफ के सामने आने वाले मसलों के समाधान को लेकर सेबी के निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव के तहत ऐसे वीसीएफ को अल्‍टरनेटिव इंवेस्‍टमेंट फंड (AIF) नियमों में स्थानांतरित होने और अघोषित निवेश के मामले में एआईएफ के लिए उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाने का विकल्प मिलेगा.

Published - April 30, 2024, 07:49 IST