Liquid Funds: आपको दो महीने बाद अपने किसी रिश्तेदार का कर्ज वापस करना है या बच्चे की स्कूल फीस चुकानी है या वेकेशन पर जाने के लिए पैसे बचाकर रखने हैं तो आप लिक्विड फंड (Liquid Funds) में निवेश कर सकते हैं.
जो निवेशक अपने पास मौजूद अतिरिक्त नकदी को कम वक्त के लिए निवेश करना चाहते हैं उनके लिए लिक्विड फंड अच्छा विकल्प है.
अप्रैल 2021 में डेट कैटेगरी में 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा नेट इनवेस्टमेंट हुआ था. इसमें से 41,507 करोड़ रुपये सिर्फ लिक्विड फंड सेगमेंट मेंआए थे. इससे पता चलता है कि निवेशकों में लिक्विड फंड्स (Liquid Funds) का काफी आकर्षण है.
लिक्विड फंड क्या होते हैं?
डेट फंड कैटेगरी में लिक्विड फंड (Liquid Funds) सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. ये फंड्स ट्रेजरी बिल्स, गर्वमेंट सिक्योरिटीज और कॉल मनी जैसे शॉर्ट-टर्म वाले मार्केट इंस्टूमेंट्स में पैसा निवेश करते हैं. ये फंड्स 91 दिनों की परिपक्वता अवधि वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते है.
लिक्विड फंड क्यों हैं सही विकल्प
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर विशाल शाह कहते हैं, “सेविंग्स अकाउंट और बैंक एफडी की तुलना में लिक्विड फंड में ज्यादा अच्छा रिटर्न देने की काबिलियत है. इनमें जोखिम भी कम है. आप जरूरत पड़ने पर पैसे रीडीम भी कर सकते हैं. इसलिए, यदि कम समय के लिए निवेश करना है तो लिक्विड फंड (Liquid Funds) परफेक्ट विकल्प है.”
सेविंग्स बैंक अकाउंट में आपको सालाना 2.5-3.5 फीसदी ब्याज मिलता है, उसकी तुलना में लिक्विड फंड (Liquid Funds) ने बीते 1 साल में ओसतन 3.25 फीसदी, 3 साल में 5.29 फीसदी और 5 साल में 6 फीसदी से भी ज्यादा रिटर्न दिया है.
लिक्विड फंड में थोड़ा रिस्क भी है
लिक्विड फंड में आप जो पैसे निवेश करते हैं, उसे ऐसे कमर्शियल पेपर में निवेश किया जाता है जिनमें क्रेडिट रिस्क जुड़ा होता है. ऐसे में आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिएः
– सिर्फ उतना ही पैसा निवेश करें जो आपके पास अतिरिक्त बचा हुआ है और जिसे आप कुछ समय के लिए कहीं पार्क करना चाहते है.
– सेविंग बैंक अकाउंट के मुकाबले थोड़ा ही ज्यादा रिटर्न की उम्मीद रखें
– लिक्विड फंड बिना रिस्क वाले नहीं होते हैं इसमें आप जब निवेश करते हैं तो आपका पैसा डूब भी सकता है.
– कोशिश करें कि ऐसा फंड चुनें जिसमें डिफॉल्ट का रिस्क कम हो यानी ऐसे लिक्विड फंड (Liquid Funds) में जिसके पोर्टफोलियो में गवर्मेंट सिक्योरिटीज ज्यादा हों.
– लिक्विड फंड में (Liquid Funds) क्रेडिट रिस्क और इंटरेस्ट रेट रिस्क दो मुख्य रिस्क होते हैं.