म्‍यूचुअल फंड निवेशक की मौत पर कैसे ट्रांसफर होती है फंड की यूनिट?

यूनिट होल्‍डर एक ही है तो यूनिट्स सिर्फ रजिस्‍टर्ड नॉमिनी को ही ट्रांसफर हो सकते हैं.

म्‍यूचुअल फंड निवेशक की मौत पर कैसे ट्रांसफर होती है फंड की यूनिट?

Mutual Funds. Image: TV9

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कई बार देखा गया है कि किसी व्‍यक्ति की आकस्मिक मौत हो जाती है और उसके परिजन इस बात के लिए परेशान रहते हैं कि उसके म्‍यूचुअल फंड निवेश का क्‍या किया जाए? ऐसे व्‍यक्ति के म्‍यूचुअल फंड यूनिट परिजनों को किस तरह से ट्रांसफर होते हैं? इसके लिए क्‍या नियम हैं और क्‍या-क्‍या दस्‍तावेज लगते हैं? अगर किसी म्‍यूचुअल फंड निवेशक की मौत हो जाती है तो उसके यूनिट्स को संयुक्‍त यूनिटहोल्‍डर, नॉमिनी या निवेशक के कानूनी वारिस को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. इस प्रोसिजर को ट्रांसमिशन कहते हैं.

अगर म्‍यूचुअल फंड एक साथ कई लोगों के नाम से संयुक्‍त रूप से हो तो किसी एक यूनिट होल्‍डर की मौत होने पर बाकी सभी यूनिट होल्‍डर्स को उसके यूनिट ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. लेकिन अगर सिंगल इनवेस्‍टर है यानी यूनिट होल्‍डर एक ही है तो यूनिट्स सिर्फ रजिस्‍टर्ड नॉमिनी को ही ट्रांसफर हो सकते हैं. किसी एक फोलियो के लिए कई नॉमिनी हो सकते हैं. अगर ऐसा है तो निवेशक की मौत होने पर उसके यूनिट्स को सभी नॉमिनी में बराबर-बराबर बांटा जाएगा.

अगर इन्‍वेस्‍टर ने कोई नॉमिनी नहीं बनाया है तो उसके कानूनी वारिस को ही यूनिट दिए जाएंगे. लेकिन वारिस को ये यूनिट हासिल करने के लिए कई जरूरी दस्‍तावेज देने होते हैं और यह साबित करना होता है कि वह कानूनी रूप से वारिस है. पूरी ट्रांसमिशन प्रक्रिया में 10 दिन से एक महीना तक लग सकता है.

ट्रांसमिशन के लिए देने होते हैं ये दस्‍तावेज

  • अगर कोई संयुक्‍त यूनिटहोल्‍डर है तो ‘ट्रासमिशन रिक्‍वेस्‍ट लेटर’ जमा करना होगा
  • मृत यूनिट होल्‍डर का डेथ सर्टिफिकेट देना होगा
  • बाकी बचे सभी यूनिट होल्‍डर्स का KYC नॉर्म पूरा करना होगा
  • यूनिट हासिल करने वाले व्‍यक्तियों के बैंक अकाउंट का डिटेल और कैंसिल्‍ड चेक देना होगा
Published - June 5, 2023, 06:32 IST