जोखिम लेने को हैं तैयार तो रिटर्न पाएं दमदार

फोकस्ड म्यूचुअल फंड में निवेश अच्‍छा माना जाता है क्‍योंकि इसमें अच्‍छे रिटर्न की संभावना रहती है

जोखिम लेने को हैं तैयार तो रिटर्न पाएं दमदार

शेयर बाजार और म्‍यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत कठिन और जटिल टास्‍क माना जाता है. हजारों शेयर, सैकड़ों म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम, कैसे कोई अच्‍छे शेयर या फंड चुनें? कितनी माथापच्‍ची होती है इन सबमें. बहुत से निवेशक यह सोचते हैं कि काश कोई उन्‍हें 20-30 अच्‍छे शेयर बता देता या इनसे जुड़ी कोई अच्‍छी स्‍कीम बता देता तो उनके लिए निवेश आसान हो जाता. ऐसे ही निवेशकों के लिए बाजार में मौजूद हैं फोकस्‍ड इक्विटी फंड.

क्‍या होते हैं फोकस्‍ड इक्विटी फंड?
फोकस्‍ड इक्विटी फंड ऐसे म्‍यूचुअल फंड होते हैं जिनका कुछ चुनिंदा शेयरों में ही निवेश पर फोकस होता है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की गाइडलाइन के मुताबिक फोकस्‍ड म्‍यूचुअल फंड अधिकतम 30 शेयरों में ही निवेश कर सकते हैं. इसी तरह इनके कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी हिस्‍सा इक्विटी यानी शेयर और इक्वि‍टी से जुड़े विकल्पों में होना चाहिए. अगर आप ऐसे निवेशक हैं जो यह चाहते हैं कि पोर्टफोलियो बहुत बिखरा नहीं बल्‍कि कुछ शेयरों में केंद्रित हो, तो आप फोकस्‍ड म्‍यूचुअल फंड में निवेश पर विचार कर सकते हैं.

कैसे काम करता है फोकस्‍ड म्‍यूचुअल फंड?
किसी सामान्‍य इक्विटी फंड में 50 से 100 शेयर होते हैं, लेकिन फोकस्‍ड फंड सिर्फ 30 कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, इनको यह लचीलापन हासिल होता है कि वे इन 30 शेयरों में किसी भी आकार या सेक्‍टर की कंपनी ले सकें, जैसे लार्जकैप, मिडकैप या स्‍मॉलकैप. वे चाहें तो किसी एक मार्केट कैप सेगमेंट पर भी फोकस कर सकते हैं. दूसरी तरफ, लार्जकैप फंड्स को अपने कुल एसेट का कम से कम 80 फीसद हिस्‍सा लार्जकैप वाले इक्विटी और इक्विटी से जुड़े विकल्पों में लगाना होता है. इसमें कितने भी शेयर रखे जा सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं होती.

किसी डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में ज्‍यादा तरह की कंपनियों में निवेश होता है, इसकी वजह से जोखिम कम हो जाता है. लेकिन ऐसे फंड में कई बार रिटर्न भी कम मिलता है, खासकर जब बाजार में कुछ चुनींदा शेयर ही चल रहे हों. दूसरी तरफ, फोकस्‍ड फंड में 30 चुनिंदा शेयर ही रखे जाते हैं. इसलिए फंड मैनेजर हाई कन्विक्‍शन वाले शेयरों में निवेश करता है. यानी ऐसे शेयर जिनके बारे में फंड मैनेजर को यह पक्‍का भरोसा होता है कि वे अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे.

किस तरह का मिलता है रिटर्न?
अब यह भी देख लेते हैं कि फोकस्‍ड फंड में रिटर्न किस तरह का मिलता है?
तो फोकस्‍ड म्‍यूचुअल फंड ने एक साल में 17%, तीन साल में 30% और पांच साल में 13% का शानदार एवरेज रिटर्न दिया है. यानी इन फंड का रिटर्न कई दूसरे फंड के मुकाबले काफी अच्‍छा है.

किस तरह से लगता है टैक्‍स?
फोकस्‍ड म्‍यूचुअल फंड पर टैक्‍स इक्विटी म्‍यूचुअल फंड की तरह ही लगता है. अगर आप आप एक साल के भीतर यूनिट को रीडीम करेंगे तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स देना होगा. आपका टैक्‍स ब्रैकेट कुछ भी हो आपको एक समान 15 फीसद की दर से टैक्‍स देना होगा और 4 फीसद सेस भी लगेगा. इसी तरह अगर आप यूनिट को एक साल या उसके बाद बेचते हैं तो आपको लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स देना होगा. इसमें इंडेक्‍सेशन का बेनिफिट भी नहीं मिलता.

क्‍या इन फंड्स में पैसा लगाना चाहिए?
निवेश की दुनिया में एक फंडा यह प्रचलित है कि अपने सभी अंडे एक ही बॉस्‍केट में नहीं रखना चाहिए, लेकिन फोकस्‍ड म्‍यूचुअल फंड के मामले में तो ऐसा ही हो रहा है. इसके बावजूद इसमें निवेश अच्‍छा माना जाता है, क्‍योंकि इसमें अच्‍छे रिटर्न की संभावना रहती है.

किसके लिए सही?
फाइनेंश‍ियल एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि फोकस्‍ड फंड ऐसे एग्रेसिव इन्‍वेस्‍टर्स के लिए ठीक हैं, जो थोड़ा ऊंचा जोख‍िम लेने के लिए तैयार रहते हैं. इस तरह के निवेश से कई तरह के जोख‍िम जुड़े होते हैं, क्‍योंकि ये इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स के तहत आते हैं यानी आपका पैसा शेयरों में लगता है. इसलिए निवेश के बारे में अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी संभावित नतीजों को समझ लें और अच्‍छी तरह से रिसर्च कर लें.

असल में फोकस्‍ड म्‍यूचुअल फंड में निवेश नए निवेशकों की जगह अनुभवी निवेशकों के लिए बेहतर होता है. इसकी वजह यह है कि अनुभवी निवेशक ऊंचे जोख‍िम वाले निवेश के लिए ज्‍यादा सहज होते हैं जो कि फोकस्‍ड फंड के मामले में जरूरी है. इसके अलावा, इस तरह का निवेश उन निवेशकों के लिए ज्‍यादा सही है जो पांच से सात सात तक के होराइजन के लिए निवेश कर सकते हैं. फोकस्‍ड इक्विटी म्‍यूचुअल फंड काफी उतार-चढ़ाव वाले होते हैं. अगर आपको इनमें निवेश को लेकर अब भी कोई दुविधा है तो आप किसी वित्‍तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं.

Published - June 23, 2023, 07:58 IST