फाइनेंशियल हेल्थ (Financial Health) को एक व्यक्ति की वित्तीय की स्थिति के रूप में भी परिभाषित किया गया है; जहां व्यक्ति अपनी मोनेटरी (मौद्रिक) स्थिति के संदर्भ में मौजूद है. ये पांच फाइनेंशियल रणनीतियों आपको लॉन्ग टर्म स्थिरता देने में मदद करेंगी.
अपनी चाहत और जरूरतों के बारे में पता हो
सबसे पहले जरूरी है कि आप अपनी जरूरतों और चाहतों के बीच अंतर करना जानते हों, बेहतर फाइनेंशियल (Financial) फैसले लेने के लिए सावधानीपूर्वक खर्च करना बेहद महत्वपूर्ण है. आसान वर्गीकरण के लिए एक सरल नियम का इस्तेमाल कर सकते हैं. बेहतर रिजल्ट के लिए जरूरी है कि जरूरतों और चाहतों के बीच विभाजन हो. समय समय पर घूमने और खाने पर खर्च करना अपने लिए अच्छा है लेकिन गैर-जरूरी खर्चों पर लगाम लगाना जरूरी है. पर्सनल बजट में जरूरी खर्च और प्लानिंग के लिए जरूर ध्यान देना चाहिए.
बचत और निवेश पर विशेष ध्यान दें
बचत और निवेश के फैसले आपकी फाइनेंशियल स्थिति को सुधारने में काफी मदद करते हैं. आप जितनी जल्दी इसकी शुरुआत करेंगे, उतनी जल्दी अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकेंगे. आपको भविष्य में लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कम प्रिंसिपल अमाउंट में इनवेस्ट करना होगा. कंपाउंडिंग ब्याज में मूलधन और ब्याज दोनों को फिर से जोड़ दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप लंबी अवधि में बेहतर लाभ प्राप्त होते हैं. जोखिम के आधार पर अनुशासित निवेश की आदत को विकसित करना आवश्यक है. कई निवेश विकल्प हैं जिनके साथ अलग-अलग जोखिम जुड़े हुए हैं जैसे कि फिक्स्ड / रिकरिंग डिपॉजिट (Fixed/Recurring Deposit), म्यूचुअल फंड, स्टॉक, पीपीएफ खाते (PPF Account), आदि. आपको विशेष निवेश से जुड़े जोखिमों को समझते हुए निवेश करना होगा. एक अच्छी आदत अपनी आय के कम से कम 20% को बचाने और लाभ को दोबारा जोखिम देखते हुए निवेश करना चाहिए.
अचानक आए खर्च के लिए तैयारी
आप चाहें जितनी फाइनेंशियल तैयारी (Financial Planning) कर लें, हमेशा अप्रत्याशित परिस्थितियां रहेंगी जिनका हमें जीवन भर सामना करना पड़ता है. जैसा हम नाम से ही समझ पा रहे हैं कि, इस फंड का उद्देश्य आकस्मिक रूप से घर या कार की मरम्मत, अचानक आए मेडिकल खर्च या आय या नौकरी के नुकसान में कुछ वक्त के लिए खुद को संभाल पाएं.
आमतौर पर माना जाता है कि इमरजेंसी फंड्स कम से कम 6 महीने के लिए होने चाहिए. सबसे अच्छा अभ्यास यह है कि इसे अपने बजट में एक आवश्यक खर्च के रूप में शामिल करें और सुनिश्चित करें कि आप इसे लापरवाही से खर्च तो नहीं कर रहे हैं?
एक और ध्यान रखने वाली बात है कि कि इमरजेंसी फंड्स की बनाए रखना एक सतत प्रक्रिया है. आपात स्थिति से निपटने के दौरान हमारा वित्तीय रूप से मजबूत होना बेहद जरूरी है.
लाइफस्टाइल खर्च का दोबारा मूल्यांकन करें
समय के साथ जैसे जैसे आपकी कमाई बढ़ती है, वैसे वैसे खर्च भी बढ़ जाते हैं. जीवन शैली पर होने वाले खर्चों में इजाफा होता है. इसलिए गैर-जरूरी खर्चों का मूल्यांकन समय समय पर करने रहना चाहिए वरना आपके फाइनेंशियल गोल (Financial Goals) को प्रभावित कर सकते हैं. खर्चे बढ़ाने के साथ साथ अपने फाइनेंशियल गोल को भी बढ़ाएं.
अपने वित्तीय लक्ष्यों के साथ लाइफस्टाइल पर बढ़ते खर्च को नियंत्रित करें. बचत और निवेश में अधिक योगदान देने के लिए आय में वृद्धि, और अपने आपातकालीन धन को बढ़ावा दें.
अच्छे भविष्य के लिए कैलकुलेट करें
पर्सनल फाइनेंस की योजना बनाते वक्त कैलकुलेशन करें. लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपने लक्ष्यों को हासिल करने की प्लानिंग करें. इन सारी प्लानिंग के लिए अपनी वर्तमान स्थिति को भी समझें, तभी फैसले लें.
इसमें पैसों का इनफ्लो और आउटफ्लो दोनों शामिल है. सारी कैलकुलेश आपकी नेटवर्थ, संपत्ति और देनदारी पर आधारित है. नेटवर्थ का मूल्यांकन संपत्ति में से देनदारियों को हटाकर तय किया जाता है. समय के साथ अपने नेट वर्थ को बार-बार ट्रैक करना, डेटा समर्थित लक्ष्य निर्धारित करने, अपनी प्रगति का मूल्यांकन करने और उन क्षेत्रों के लिए योजना विकसित करने में सक्षम बनाता है जिनमें सुधार की आवश्यकता होती है. यह आपके वर्तमान वित्तीय दृष्टिकोण का एक अच्छा उपाय है.