निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स शानदार विकल्प साबित हो रहे हैं. लेकिन इनसे कमाई तभी की जा सकती है जब आपको इस निवेश के बारे में पूरी जानकारी हो. उद्योग संगठन एसोचैम (ASSOCHAM) की ओर से दिल्ली में आयोजित म्युचुअल फंड शिखर सम्मेलन में इस निवेश को लेकर तमाम पहुलओं पर चर्चा की गई. कार्यक्रम में मौजूद अधिकांश विशेषज्ञों ने माना कि भारत दुनिया में सबसे सख्त विनियमित बाजारों में शुमार है. लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत इस समय तीव्र विकास की राह पर है. इस अवसर का लाभ उठाने का अच्छा अवसर.
उन्होंने कहा कि अगर आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करके करोड़पति बनना है तो सही म्यूचुअल फंड चुनना जरूरी है. इसके तहत निवेशकों को केवल एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए. निवेश करने से पहले लक्ष्य तय करें. इसके बाद व्यवस्थित तरीके से निवेश की प्रक्रिया अपनाएं. कार्यक्रम में एएमसी प्रमुख, एनडीएसएल, सीडीएसएल और एनआईएसएम और भारतीय वित्त संस्थानों के प्रोफेसरों ने आगे के रोडमैप, चुनौतियों और जोखिमो पर भी प्रकाश डाला.
चर्चा में शामिल अधिकांश एक्सपर्ट ने माना कि भारत दुनिया में सबसे सख्त विनियमित बाजारों में से शुमार है.. निप्पॉन लाइफ इंडिया एएमसी प्रमुख विक्रम धवन ने कहा, ‘मैं अति विनियमित शब्द का उपयोग नहीं करूंगा. यह सच है कि हम दुनिया में अधिक सख्ती से नियंत्रित पूंजी बाजारों में से एक हैं.’ इसके बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत विकास का अविश्वसनीय दौर देख रहा है, जिसे कोई भी छोड़ना नहीं चाहेगा.
उन्होंने कहा कि अच्छी तकनीक से हो रही प्रगति के बावजूद म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट इंवेस्टमेंट का हिस्सा बहुत कम है. अभी व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड निवेश का 77 फीसद हिस्सा वितरकों या एजेंटों के जरिए आता है. यही हाल निवेश सलाहकारों का है, जिन्हें वर्तमान में हर पांच साल में अपने पंजीकरण को रिन्यू कराना होता है. कई पैनलिस्टों ने कहा कि आरआईए आवेदन 2021 से लंबित हैं. इसके अतिरिक्त प्रमाणन और नवीनीकरण साइकिल, जो आदर्श रूप से स्वचालित होना चाहिए, उसकी प्रक्रिया भारत में बहुत जटिल है. सरकार को इसे आसान बनाना चाहिए.
टॉरस एसेट मैनेजमेंट कंपनी के कार्यवाहक सीईओ रोहित चावला ने एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उनके पास क्षमता होती तो वह इस संगठन को समाप्त कर देते क्योंकि यह टियर- II और टियर- III शहरों के निवेशकों के लिए कुछ खास नहीं कर पाया है. कार्यक्रम में स्मॉलकेसेस पर भी बात हुई. ज़ेरोधा के संस्थापक नितिन कामथ ने कहा, ‘म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए स्मॉलकेसेस सबसे अच्छी चीज है.’ स्मॉलकेस तभी अच्छा काम करते हैं जब निवेश अधिक हो, कम से कम 5-10 लाख रुपए के बीच.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनंत राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फ़िरोज़ अज़ीज़ ने वर्तमान को भारतीय म्यूचुअल फंड स्पेस में होने का रोमांचक समय बताते हुए सभी वित्तीय और भौतिक संपत्तियों को समान पैमाने पर लाने के लिए मानसिकता बदलने पर जोर दिया. क्वांटम एएमसी के सीआईओ चिराग मेहता ने कहा, ‘भारत में अगर म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ानी है तो इस निवेश के प्रति लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी.