Zomato लिस्टिंगः निवेशकों को रिटर्न और मुनाफे के मूल मंत्र पर चले कंपनी

जोमैटो की 1 लाख करोड़ की वैल्यूएशन से ये सवाल पैदा हो रहा है कि लॉस में बनी हुई ये कंपनी क्या इस वैल्यूएशन की हैसियत रखती भी है या नहीं?

cash circulation has increased since demonetisation, but digital transactions are on rise too

कैश का इस्तेमाल घटाने का प्रयास इस तरह सबसे फायदेमंद साबित होता है कि इससे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का एक बेहतर सिस्टम बनता है

कैश का इस्तेमाल घटाने का प्रयास इस तरह सबसे फायदेमंद साबित होता है कि इससे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का एक बेहतर सिस्टम बनता है

लोगों को रेस्टोरेंट्स का खाना उनके घर पर ही पहुंचाने का मसला हल करने के साथ शुरू किया गया कारोबार IPO लाने वाले देश के पहले भारतीय यूनिकॉर्न में तब्दील हो गया है. इसके साथ ही Zomato का उभार देश में नई पीढ़ी की डिजिटल कंपनियों के बढ़ते दबदबे की एक बानगी भर है. Zomato (जोमैटो) ने कई रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं और इश्यू प्राइस के मुकाबले 51 फीसदी इजाफे के साथ इसने शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री की है.

लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों को तगड़े रिटर्न का स्वाद चखाने वाली Zomato की सफलता की कहानी से कई सबक सीखने को मिलते हैं. इनमें IPO का अधिकतम फायदा उठाने, कंज्यूमर्स के हिसाब की कम्युनिकेशन रणनीति और D2C कनेक्ट का पूरा दोहन करने जैसी चीजें शामिल हैं. D2C के जरिए न सिर्फ बिचौलियों को हटाकर सीधे आम लोगों को सामान बेचा जा रहा है, बल्कि इसके जरिए ब्रांड और कंज्यूमर के बीच एक रिश्ता भी विकसित होता है. इस मामले में Zomato के सबक सीखने लायक हैं.

Zomato (जोमैटो) देश की टॉप सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाली कंपनियों में भी शुमार हो गई है. कंपनी का मार्केट कैप लिस्टिंग वाले दिन ही 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. इससे एक बड़ी बहस भी पैदा हो रही है कि एक लॉस में बनी हुई कंपनी जो कि लगातार कैश बर्निंग के रास्ते पर चल रही है, क्या वह इस वैल्यूएशन की हैसियत रखती भी है या नहीं?

इससे ये भी दिखाई दे रहा है कि मुख्यधारा में मौजूद कुछ बड़ी कंपनियों जैसे कि टाटा मोटर्स, कोल इंडिया और IOC की दशकों में हासिल की गई वैल्यूएशन कैसे एक झटके में नई पीढ़ी की जोमैटो से कम हो गई. इससे फिर वही सवाल पैदा होता है कि क्या वाकई जोमैटो इतनी वैल्यूएशन की हकदार है?

कई मार्केट एक्सपर्ट्स ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की है कि जोमैटो के खातों में अभी भी भारी घाटे दर्ज हैं और इसमें मुनाफे का कोई संकेत नजर नहीं आ रहा है. कंपनी के 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने के बावजूद ये कैश बर्न करना जारी रखेगी.

स्टॉक मार्केट के कुछ दिग्गज इस बात की ओर संकेत कर रहे हैं कि किसी कंपनी के विस्तार की इच्छाओं को पूरा करने के लिए निवेशकों को पैसा देने की कोई जरूरत नहीं है. इनवेस्टर्स किसी कंपनी की अर्निंग्स के फायदों को अपने निवेश पर मिलने वाले रिटर्न के तौर पर हासिल करना चाहते हैं.

ऐसे में Zomato (जोमैटो) की तकदीर में आगे क्या है? दरअसल, अब कंपनी असली मैदान में आई है. इसे इनवेस्टर्स के लिहाज से अब सोचना पड़ेगा. शेयरहोल्डर्स को रिटर्न देना ही इसका आइडिया होना चाहिए. साथ ही प्रॉफिट में आना इसका मूल मंत्र होना चाहिए.

Published - July 25, 2021, 12:05 IST