100% से ज्यादा रिटर्न के साथ क्या स्मॉलकेस लिखेंगे मुनाफे की नई इबारत?

फाइनेंशियल इनफ्लूएंशर्स और इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स मार्केट से ज्यादा रिटर्न के लिए स्मॉलकेस (Smallcase) में इनवेस्टमेंट की वकालत कर रहे हैं.

if you have invested 1000 rs SIP in this fund 26 years ago then you will have 1.23 cr in hand today

pixabay - इस फंड की शुरुआत में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होता, तो आज 2 करोड़ रुपये से भी अधिक पैसा मिलता.

pixabay - इस फंड की शुरुआत में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होता, तो आज 2 करोड़ रुपये से भी अधिक पैसा मिलता.

पहले के मुकाबले ज्यादा इनवेस्टर्स अब म्यूचुअल फंड्स में एंट्री कर रहे हैं. AMFI के हालिया आंकड़ों से इसका पता चलता है. हालांकि, सोशल मीडिया पर मौजूद फाइनेंशियल इनफ्लूएंशर्स और सेबी इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स मार्केट से ज्यादा रिटर्न के लिए स्मॉलकेस (Smallcase) में इनवेस्टमेंट की वकालत कर रहे हैं.

Nearbuy.com के फाउंडर अंकुर वरिकू ने 4 मई 2021 को जारी एक यूट्यूब वीडियो में कहा है, “ये स्टॉक्स के पोर्टफोलियो को खरीदने का सबसे सस्ता तरीका है और ये बेहतरीन प्रोडक्ट है.” वरिकू एक यूट्यूबर हैं और उनके इनवेस्टमेंट आधारित वीडियोज के फॉलोअर्स में लगातार इजाफा हो रहा है.

स्मॉलकेस में हालांकि, निवेश की कॉस्ट स्मॉलकेस (Smallcase) के मैनेजर की फीस पर निर्भर करती है.

स्मॉलकेस म्यूचुअल फंड नहीं है

मोटे तौर पर स्मॉलकेस (Smallcase) दो से लेकर 50 तक स्टॉक्स की एक बास्केट है. इन्हें सेबी में रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स मैनेज करते हैं. इसके जरिए निवेशक हर स्टॉक को अपने डीमैट अकाउंट में फिजिकल तौर पर रखते हैं. जबकि, म्यूचुअल फंड में इनवेस्टर शेयरहोल्डर नहीं होते, बल्कि यूनिटहोल्डर होते हैं.

बढ़िया रिटर्न

स्मॉलकेस (Smallcase) में रिटर्न बेहतरीन रहे हैं. इन्होंने 31,771 रुपये के निवेश पर 186.21 फीसदी तक रिटर्न दिया है.

ऐसे कम से कम स्मॉलकेस (Smallcase) हैं जिन्होंने निवेशकों को 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. इनमें ग्रीन पोर्टफोलियो का हाई डिविडेंड यील्ड + कैपिटल एप्रीशिएशन स्मॉल 22,580 रुपये के निवेश पर उपलब्ध है और इसने 104.15 का रिटर्न दिया है.

हालांकि, नेगेटिव रिटर्न देने वाले भी स्मॉलकेस (Smallcase) बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में मैनेजर पर भरोसा और पिछले परफॉर्मेंस की जानकारी लेना निवेश के पहले महत्वपूर्ण होता है.

सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजर्स करते हैं मैनेज

पोर्टफोलियो के मैनेजर अधिकतम रिटर्न के लिए पोर्टफोलियो में बदलाव करते हैं. ऐसा करते वक्त स्मॉलकेस बास्केट में मौजूद स्टॉक्स ज्यादा उतार-चढ़ाव के जोखिम में आ जाते हैं.

निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न के लिए मैनेजर्स सक्रिय रूप से स्मॉलकेस (Smallcase) में स्टॉक्स लेते और हटाते हैं.

स्मॉलकेस के मैनेजर पोर्टफोलियो को मैनेज करने के लिए एक तिमाही फीस लेते हैं. स्मॉलकेस में ऊपर जाने की जितनी काबिलियत होती है उतनी ही ऊंची मैनेजर की फीस होती है.

स्मॉलकेस पर बड़े दांव

सोशल मीडिया इंफ्लूएंशर्स से लेकर रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स तक सभी इनवेस्टर्स को लुभाने के लिए स्मॉलकेस (Smallcase) का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं.

कैपिटल एप्रीशिएशन पर फोकस्ड स्मॉलकेस (Smallcase) लॉन्च करने वाले एड्रॉयट पीएमएस के पोर्टफोलियो मैनेजर अमित कुमार गुप्ता कहते हैं, “स्मॉलकेस सभी पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन का मौका देते हैं.

म्यूचुअल फंड्स में स्पेशल सिचुएशन की थीम को पकड़ने वाली न के बराबर स्कीम्स हैं. फ्लैट फीस स्ट्रक्चर के लिहाज से देखा जाए तो स्मॉलकेस तुलनात्मक रूप से सस्ते साबित होते हैं. ये स्टॉक्स यूजर डीमैट अकाउंट में हैं और इन्हें कभी भी रीबैलेंस्ड या बेचा जा सकता है.”

क्या स्मॉलकेस एक बड़ा निवेश है?

ज्यादातर मामलों में ऐसा है. हालांकि, 150 रुपये तक के भी स्मॉलकेस (Smallcase) हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि इन्हें सक्रिय रूप से मैनेज किया जा रहा हो.

ज्यादातर ऊंचे रिटर्न देने वाले इनवेस्टमेंट कुछ हजार में आते हैं, जबकि कुछ लाखों रुपये तक जाते हैं. ये स्मॉलकेस में शामिल शेयरों की कीमत पर निर्भर करता है.

Published - May 16, 2021, 10:53 IST