Zomato IPO: ज्यादातर रिटेल इन्वेस्टर जोमैटो (Zomato) के अधिक से अधिक शेयरों को IPO में लेने की कोशिश कर रहे हैं. इस बहुचर्चित इश्यू को 1.35 गुना सब्सक्राइब किया गया है क्योंकि Zomato इश्यू के दूसरे दिन दोपहर 2:30 बजे तक 96,79,15,065 शेयरों के मुकाबले 71,92,33,522 शेयरों के लिए बोलियां (बिड) लगाई गईं.
BSE के डाटा के अनुसार, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर (QIB) के लिए एलोकेट किए गए शेयरों को 100% सब्सक्राइब किया गया था, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (गैर-संस्थागत निवेशकों) को लगभग 28% और रिटेल इंडीविजुअल इन्वेस्टर (RII) को 4.04 गुना सब्सक्राइब किया गया था. हालांकि, कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्से को केवल 22% सब्सक्राइब किया गया.
रेड फ्लैग
कर्मचारियों का आईपीओ में कम सब्सक्रिप्शन सवाल खड़े कर रहा है क्योंकि वो कंपनी के कामकाज के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी रखते हैं. जोमैटो के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि “बाहर आईपीओ के बारे में बहुत उत्साह है लेकिन हम अभी भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि हमें आवेदन करना चाहिए या नहीं. हम इस बात पर पूरी तरह भरोसेमंद नहीं है कि स्टॉक शानदार रिटर्न देंगे.”
रिटेल इन्वेस्टर्स पर हो सकता है असर
इक्विनॉमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के फाउंडर जी चोकालिंगम ने कर्मचारियों के आईपीओ को कम सब्सक्राइब करने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “अभी तक कर्मचारियों का आईपीओ पर भरोसा नहीं होना चिंता का विषय है. निवेशक कल दोपहर तक इंतजार कर सकते हैं और फिर फैसला कर सकते हैं. यदि कर्मचारी कोटा पर्याप्त रूप से सब्सक्राइब नहीं किया गया है तो लोग इसे लेने से बच सकते है.”
गिरावट पर खरीदारी की सलाह
इसी तरह कैपिटलमाइंड के संस्थापक और चीफ एग्जीक्यूटिव दीपक शेनॉय ने मनी9 को बताया कि रिटेल निवेशकों को आईपीओ से बचना चाहिए. उनका कहना है कि नए लिस्टेड स्टॉक पर तीन महीने नजर बनाए रखना समझदारी हो सकती है. उन्होंने कहा “तीन महीने तक इंतजार करें क्योंकि एंकर निवेशक केवल एक महीने के लिए लॉक्ड होते हैं. अगर वो पहले महीने के बाद निवेश से बाहर निकलने का फैसला करते हैं, तो कीमतों में गिरावट आना तय है. उस समय, आपको यह तय करना चाहिए कि क्या आप निवेश करना चाहते हैं ”
ग्रे मार्केट में, इश्यू 13.25 रुपये के प्रीमियम पर कोट हो रहा है, जो प्राइस बैंड की घोषणा के समय 18 रुपये के प्रीमियम से लगभग 26% कम है. अनलिस्टेड एरिना के फाउंडर अभय दोशी ने कहा “ऐसा इसलिए है क्योंकि जोमैटो इस क्षेत्र में पहला मूवर है, इसलिए मार्केट के लिए वैल्यूएशन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि कंपनी अभी भी घाटे में चल रही है.”
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