देश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में आई तेजी और अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बीच एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर्स ने महज आठ ट्रेडिंग सेशंस में निवेशकों की पूंजी को दोगुना कर दिया है. 12 अप्रैल को इस कंपनी का शेयर 70.70 रुपये पर था, जो कि 26 अप्रैल को 147.25 रुपये पर पहुंच गया. दूसरी ओर, इसी अवधि में बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स में महज 0.13 फीसदी की तेजी आई है.
भारत में बिगड़ते कोविड हालात
भारत में कोरोना वायरस का संकट बेहद गंभीर दौर में पहुंच गया है. देशभर में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर चरमरा गया है. पिछले कुछ दिन से हर दिन देश में 3.5 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं. साथ ही हर दिन 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है.
इसके साथ ही देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है और इसे मुहैया कराने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. यहां तक कि दूसरे देशों से भी ऑक्सजीन कंटेनर और सिलेंडर मंगाए जा रहे हैं.
विदेश से भी आ रही मदद
सऊदी अरबिया ऑक्जीन मैत्री के तहत भारत को 80 टन लिक्विड ऑक्सीजन मुहैया करा रहा है. रविवार को सऊदी अरब में भारतीय मिशन ने एक ट्वीट कर कहा है, “भारतीय दूतावास को अडानी और लिंदे इंडिया (Linde India) के साथ साझेदारी कर भारत को 80 टन लिक्विड ऑक्सीजन मुहैया कराने पर गर्व है. हम सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय को उनकी मदद, सपोर्ट और सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.”
लिंदे इंडिया, भगवती ऑक्सीजन भी इसी सेक्टर में
मांग में इजाफे के बारे में एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर्स ने एक्सचेंजों को दिए स्पष्टीकरण में कहा है कि उसने कंपनी के परफॉर्मेंस या कामकाज पर असर डालने वाले सभी इवेंट्स, सूचनाओं वगैरह की पूरी जानकारियों का तुरंत खुलासा किया है.
सोमवार को कंपनी का शेयर 10 फीसदी के अपर सर्किट पर पहुंच गया था. लिंदे इंडिया (Linde India) और भगवती ऑक्सीजन जैसी ऑक्सीजन के कारोबार से जुड़ी हुई दूसरी कंपनियों के शेयरों में भी इस दौरान तेजी आई है. मसलन, लिंदे (Linde India) का शेयर इस दौरान 3 फीसदी और भगवती का शेयर 5 फीसदी चढ़ा है. नेशनल ऑक्सीजन के शेयरों में भी तेजी देखी गई है.
एवरेस्ट कैंटो की 50% मार्केट हिस्सेदारी
एवरेस्ट कैंटो हाई-प्रेशर गैस सिलेंडर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है और इसका मार्केट शेयर करीब 50 फीसदी है. एवरेस्ट कैंटो सिलेंडरों के क्लाइंट्स की संख्या करीब 150 है. इसके ग्राहकों में ऑटोमोबाइल, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन, इंडस्ट्रियल्स, मेडिकल सेक्टर और डिफेंस शामिल हैं.
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के क्रांति बाथिनी कहते हैं, “ऑक्सीजन आधारित कंपनियां तेजी के दौर में हैं. जब तक कोविड के हालात खराब रहेंगे, ऑक्सीजन की डिमांड में इजाफा रहेगा. लिंदे इंडिया (Linde India) और एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर्स में गिरावट पर निवेशकों को खरीदारी का मौका मिलेगा. इन्हें डायवर्सिफाई करना चाहिए और केवल ऑक्सीजन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.”