स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट करने की एक बढ़िया स्टैटेजी के बारे में हम यहां बताने जा रहे हैं. इस स्ट्रैटेजी को वैल्यू इनवेस्टिंग (Value Investing) कहते हैं. यहां तक कि दुनिया के सबसे बड़े इनवेस्टर वॉरेन बफे भी वैल्यू इनवेस्टिंग (Value Investing) को सही स्ट्रेटेजी मानते हैं. अगर आप शेयरों में निवेश का सही तरीका सीख गए तो आप पर पैसे की बरसात हो सकती है. इसके लिए जरूरी है कि आप निवेश में धैर्य बनाये रखें और बाजार की अफवाहों से दूर रहें. साथ ही सही कीमत पर शेयरों में निवेश करें.
वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या है?
वैल्यू इनवेस्टिंग (Value Investing) न सिर्फ एक स्ट्रैटेजी है, बल्कि हर बड़े इनवेस्टर का बताया हुआ इनवेस्टमेंट करने का बेस्ट तरीका भी है. जब हम कहीं शॉपिंग करने जाते हैं तो जिस चीज में सबसे ज्यादा डिस्काउंट मिल रहा हो वही चीज हम खरीदना पसंद करते हैं. इसी तरह से वैल्यू इनवेस्टिंग (Value Investing) हमें शेयर बाजार में शेयर खरीदना सिखाती है.
इस अवधारणा को पहली बार 1920 के दशक में बेंजामिन ग्राहम और डेविड डॉड ने पेश किया था. ग्राहम को वैल्यू इनवेस्टिंग (Value Investing) के पिता के रूप में जाना जाता है. उनके निवेश की थीसिस ‘द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर’ में इस बारे में विस्तार से बताया गया है.
इस तरह समझें वैल्यू इनवेस्टिंग को
किसी कंपनी के शेयर की सही वैल्यू उसके कामकाज के हिसाब से तय की जा सकती है. इसमें कंपनी के प्रबंधन की गुणवत्ता, वित्तीय नतीजे एवं हालत और फंडामेंटल आदि के हिसाब से कंपनी की वैल्यू तय की जाती है.
कई बार कुछ शेयर किसी निगेटिव खबर की वजह से टूट जाता है. जिसमें अफवाह, राजनीतिक हालात और आर्थिक गतिविधियों का भी हाथ हो सकता है. किसी मशहूर हस्ती के एक ट्वीट की वजह से भी शेयर के भाव पर असर पड़ता है. जब दुनिया किसी शेयर को बेच रही हो, वैल्यू इनवेस्टिंग स्ट्रैटेजी (Value Investing) में उस शेयर में खरीदारी का मौका ढूंढा जाता है.
वैल्यू इनवेस्टिंग (Value Investing) के मुताबिक, शेयर मार्केट तेजी से चेंज होने की वजह से शेयर की कीमत उसकी इंट्रिंसिक (स्वाभाविक) वैल्यू से कम हो जाती है और हमें उसको खरीदने का मौका मिलता है.
कैसे बनें वैल्यू इनवेस्टर?
विशेषज्ञ कहते हैं कि इस मामले में आपका ज्ञान और हार्डवर्क ही ताकत है. इस स्ट्रैटेजी में हमें उन स्टॉक्स को खरीदना होता है जो अंडरवैल्यूड हों और वो तभी होता है जब मार्केट में ज्यादातर लोग उसे बेच रहे हों. ऐसे में हमें उस स्टॉक्स को अलग सोचते हुए खरीदना होता है जो कि मुश्किल काम होता है.
अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव से आपको वाकिफ होना चाहिए. इसके साथ ही नए ट्रेंड को पहचानने में आपकी कुशलता यहां काम आ सकती है.
किसी स्टॉक की इंट्रिंसिक वैल्यू को समझने के लिए आपको उसका डिविडेंड डिस्काउंट मॉडल, डिस्काउंटेड कैश फ्लो मॉडल, ग्रोथ मॉडल इत्यादी को समझना पड़ेगा. कइ बार लोग धैर्य खोकर ओवरवैल्यूड शेयर को खरीद लेते हैं.
नियमित रूप से किसी कंपनी के बारे में पढ़ना और बाजार से जुड़े लोगों के संपर्क में रहने से भी आप वैल्यू इनवेस्टिंग की राह पर आगे बढ़ सकते हैं.
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