क्रिस वुड (Chris Wood) जैफरीज की इक्विटी स्ट्रैटेजी के ग्लोबल हेड हैं. उन्होंने 16 स्टॉक्स का एक डेडिकेटेड लॉन्ग-ओनली इंडिया पोर्टफोलियो लॉन्च किया है. इसमें ICICI बैंक, SBI, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और मारुति सुजुकी जैसे ब्लू चिप स्टॉक्स शामिल हैं. अपने वीकली ग्रीड एंड फियर न्यूजलेटर में क्रिस वुड (Chris Wood) ने कहा है कि ये निश्चित तौर पर भारतीय पोर्टफोलियो शुरू करने का ये परफेक्ट टाइम नहीं है क्योंकि सेंसेक्स पहले से ही ऑल-टाइम हाई पर है.
इसके बावजूद, उन्हें इस बात को लेकर पक्के तौर पर भरोसा है कि भारत सात साल के सुस्ती वाले दौर के बाद एक नए हाउसिंग साइकिल में दाखिल हो रहा है. रियल एस्टेट इंडस्ट्री में बड़े कंसॉलिडेशन के चलते ऐसा हो रहा है. यही वजह है कि प्रॉपर्टी सेक्टर में उनका 17 फीसदी वेटेज है.
वुड कहते हैं, “ये पोर्टफोलियो डोमेस्टिक डिमांड फोकस्ड है. निश्चित तौर पर तेल की ऊंची कीमतों का भारतीय फाइनेंशियल्स और दूसरे ब्याज आधारित सेक्टरों पर असर दिखाई देगा. हम ऑयल पर बुलिश हैं.” उन्होंने कहा है कि एशिया में वे लॉन्ग-ओनली इंडिया पोर्टफोलियो को अगली तिमाही में लॉन्च करेंगे जो कि मौजूदा लॉन्ग-ओनली जापान और चाइना पोर्टफोलियो जैसा ही होगा.
कुल मिलाकर, उन्होंने अपने इंडिया-डेडिकेटेड पोर्टफोलियो में फाइनेंशियल्स को 40 फीसदी, एनर्जी को 10 फीसदी, रियल एस्टेट को 17 फीसदी, ऑटो को 10 फीसदी, कंज्यूमर को 5 फीसदी, मैटेरियल्स को 4 फीसदी और लॉजिस्टिक्स कंपनियों को 4 फीसदी वेटेज दिया है.
उनके लॉन्ग-ओनली इक्विटी पोर्टफोलियो में कंटेनर कॉरपोरेशन, टाटा स्टील, जुबिलेंट फूडवर्क्स, TVS मोटर, DLF, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ONGC, ICICI लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, बजाज फाइनेंस और HDFC शामिल हैं.
वुड कहते हैं कि भारत का उनके लॉन्ग-ओनली एशिया एक्स-जापान पोर्टफोलियो में हमेशा से एक बड़ा हिस्सा रहा है. इस पोर्टफोलियो को करीब 19 साल पहले लॉन्च किया गया था. लेकिन, कुछ वजहों से भारत के लिए डेडिकेटेड पोर्टफोलियो लॉन्च नहीं हो सका.
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