घरेलू शेयर बाजारों के लिए ये हफ्ता निराशाजनक रहा है. बाजार में जारी तेजी का सिलसिला इस दौरान थम गया. ट्रेडर्स चीन के एवरग्रैंड ग्रुप के कर्ज के संकट और चीन में बड़े पैमाने पर हो रही बिजली की कमी से चिंतित हैं. दूसरी ओर भारत का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व (फॉरेक्स) 1.47 अरब डॉलर गिरकर 639.642 अरब डॉलर पर आ गया है. बीएसई सेंसेक्स 1282.89 अंक या 2.14% गिरकर 58,765.58 पर आ गया. दूसरी ओर, निफ्टी 321.15 अंक या 1.80 फीसदी गिरकर 17,532.05 पर आ गया है. यहां हम उन फैक्टर्स का जिक्र कर रहे हैं जिनका असर मार्केट पर अगले हफ्ते पड़ सकता है.
RBI पॉलिसी बैठक का फैसला
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी शुक्रवार को ब्याज दरों पर फैसला करेगी.
क्रूड ऑयल, रुपये का उतार-चढ़ाव
ग्लोबल मार्केट्स में ट्रेंड, रुपये के उतार-चढ़ाव और क्रूड ऑयल की कीमतों का मार्केट्स पर असर दिखाई देगा. इसके अलावा, FPI के इन्वेस्टमेंट्स पर भी बाजार की नजर रहेगी.
कोविड अपडेट
कोरोना के मोर्चे पर इन्वेस्टर्स की नजर सरकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम और कोविड के मामलों पर रहेगी. कोविड के मामले गिर रहे हैं, ऐसे में राज्य सरकारों के और पाबंदियों में ढील देने की उम्मीदें बाजार को ऊपर ले जा सकती हैं.
मैक्रोइकनॉमिक डेटा
मैक्रो फ्रंट पर मार्किट सर्विसेज PMI के आंकड़े 5 अक्टूबर को आने हैं.