टाटा मोटर्स (Tata Motors) के नतीजों ने निवेशकों को चौंका दिया है. कंपनी की आय एक साल पहले की तिमाही में 31,983.06 करोड़ रुपये के मुकाबले दोगुने से अधिक बढ़कर 66,406 करोड़ रुपये हो गयी है. वहीं कंपनी का घाटा आधा होकर महज 4,451 करोड़ रुपये रह गया है.
टाटा मोटर्स ने 30 जून 2021 को खत्म हुई पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. इसके मुताबिक कंपनी का घाटा आधा हो गया है. कोरोना काल में टाटा मोटर्स को हुए नुकसान की भरपाई के तहत इस तिमाही उसे 66,406 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है, जो एक साल पहले की तिमाही में 31,983.06 करोड़ रुपये थी. लिहाजा कंपनी की आय दोगुनी बढ़ गई. हालांकि कंपनी ने 4,450.92 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड घाटा दर्ज किया है. एक साल पहले की तिमाही में टाटा मोटर्स को 8,437.99 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
कंपनी की आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए उसकी EBITDA (ब्याज, कर, विमूल्यन और लोन देने से पहले की आय) रिपोर्ट को देखें तो मार्जिन में 8.3% का सुधार देखने को मिला है यानी इसमें करीब 570 अंकों का उछाल आया है.
जेएलआर
जगुआर लैंड रोवर की आय में 73.7 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है जो करीब 4.96 बिलियन पाउंड स्टर्लिंग (£) रही. इस साल कंपनी ने कुल 124537 वाहनों की बिक्री दर्ज की, जो पिछले साल की तुलना में 68.9% ज्यादा रही. हालांकि, जगुआर के एक खास पार्ट सेमीकंडक्टर की आपूर्ति की कमी के चलते प्रोडक्शन में काफी दिक्कतें आईं. जिसके चलते EBIT मार्जिन (0.9%) के साथ उसे टैक्स से पहले £ 110 मिलियन कर का नुकसान हुआ. इसके अलावा फ्री कैश फ्लो में पिछले साल के मुकाबले £996 मिलियन का सुधार देखने को मिला है, जो पहले £413 मिलियन था. सबसे ज्यादा कंपनी को घाटा कोरोना महामारी के पहले चरण में हुआ था. इस दौरान कैश आउट फ्लो अपने सबसे उच्चतम स्तर £1.6 पर पहुंच गया था.
जगुआर लैंडरोवर के सीईओ थियरी बोलारे ने कहा,“हम खुश हैं कि कोरोना महामारी के दौर से कंपनी लगभग सभी क्षेत्रों में तरक्की कर रही है. फिर चाहे वो गाड़ियों की बिक्री हो या कस्टमर्स का कंपनी पर भरोसा. हालांकि, वर्तमान स्थिति कंपनी के लिए अभी भी चुनौतियों से भरी हुई है. हम कोशिश करेंगे कि ऐसी चीजों को अपनाया जाए जो हमारे नियंत्रण में हो. इसके अलावा हम पूरी कोशिश करेंगे कि जगुआर लैंड रोवर मार्केटिंग के भविष्य में होने वाले विकास पर रणनीति तैयार करेगी.”
घरेलू बिजनेस
टाटा मोटर्स के घरेलू कारोबार में बड़े पैमाने पर सुधार देखने को मिला. साल-दर-साल कारोबार में वृद्धि हुई. ये 343% से बढ़कर 11,904 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी की सालाना बिक्री में भी 351.4 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. इस साल कंपनी ने 1,14,170 यूनिट्स की बिक्री की.
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान कंपनी की ओर से अपनायी गई एक व्यापक व्यावसायिक योजना के चलते बाजार के फिर से खुलने तक हम टिके रहें. इतना ही नहीं हमने विकास भी किया. भविष्य में हम कमोडिटी मुद्रास्फीति को कम करने के लिए व्यवसाय के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ग्राहकों की मांगों को पूरा करने पर ध्यान देंगे.”
टाटा मोटर्स के मुताबिक, कोरोना महामारी के बावजूद मांग की स्थिति में सुधार होगा, अभी शॉर्ट टर्म के लिहाज से इसमें थोड़ी अनिश्चितता देखने को मिल सकती है. इस दौरान कंपनी को कुछ चुनौतियों जैसे— सेमी कंडक्टर मामला और कमोडिटी मुद्रास्फीति में सुधार आदि चीजों का सामना करना पड़ेगा. मंगलवार दोपहर बीएसई पर टाटा मोटर्स का शेयर (Tata Motors share price) 0.44% या 1.30 रुपये की गिरावट के साथ 291.80 पर ट्रेड करता दिखाई दिया.