Stocks: गुड़गांव की एक फर्म के ऑपरेशन मैनेजर राहुल कुमावत जिरोधा (Zerodha) के ‘गिफ्ट’ फीचर को काफी पसंद करते हैं. कुमावत कहते हैं “यह एक आसान प्रक्रिया है और एक दिन में मैं अपने दोस्त को शेयर ट्रांसफर कर सकता हूं. मैं रक्षाबंधन पर अपनी बहनों को भी स्टॉक तोहफे में देने के बारे में सोच रहा हूं. जिस तरह से ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर गिफ्ट कार्ड(gift cards) का चलन तेजी से बढ़ा है वैसे ही स्टॉक गिफ्ट करना भी लोकप्रिय हो जाएगा.” जिरोधा ने इस तरह के विकल्प की जरूरत महसूस करते हुए पिछले साल नवंबर में अपना गिफ्टिंग प्लेटफॉर्म(gifting platform) लॉन्च किया था.
आप जिरोधा के गिफ्टिंग प्लेटफॉर्म के जरिए दोस्तों और रिश्तेदारों को स्टॉक(stocks), ईटीएफ(ETFs) और गोल्ड बॉन्ड(gold bonds) गिफ्ट कर सकते हैं.पर ध्यान दें कि सभी स्टॉक और ईटीएफ तोहफे देने के लिए मौजूद नहीं होंगे.
1100-ऑड सिक्योरिटीज(odd securities) की एक सूची है जिन्हें बतौर गिफ्ट दिया जा सकता है.
जिरोधा का एक यूजर जिसने हाल ही में गिफ्ट में एक दोस्त को कुछ शेयर दिए हैं, निथिन कामथ ने इन्हें ट्वीट किया था, “मैंने बस यूं ही कुछ भी गिफ्ट देना बंद कर दिया है.
अभी कुछ समय से मैं केवल स्टॉक और ईटीएफ ही गिफ्ट में दे रहा हूं. अब एक बढ़िया गिफ्ट चुनने में घंटों बर्बाद करने की ज़रूरत नहीं है. मेरे परिवार और दोस्तों में से कई लोगों ने इसके जरिए निवेश करना शुरू कर दिया है”.
ऐसे समय में जब शेयर बाजार में निवेश जोर पकड़ रहा है, शेयरों को तोह्फे में देना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. फिजिकल गोल्ड(physical gold) की जगह गोल्ड बॉन्ड गिफ्ट(gold bonds) करने का विकल्प भी आकर्षक है.
“हमारे पास लगभग 25,000 ग्राहक हैं जिन्होंने 80,000 से ज्यादा शेयर तोह्फे में भेजे हैं. यह एक फ्लैट कर्व(flat curve) है जिसका मतलब है कि लोग साल भर तोह्फे देते हैं. जिरोधा के प्रवक्ता ने मनी 9 को बताया, “हम एक महीने में औसतन लगभग 12,000 तोह्फों का लेनदेन करते हैं”.
देने और लेने वाले दोनों के पास ही जिरोधा खाता होना चाहिए. कुमावत कहते हैं, “मैंने दोपहर में ट्रांसफर शुरू किया था और मेरे दोस्त को शाम लगभग 7.30 बजे इसकी जानकारी मिल गई.
इससे पहले कि मैं ट्रांसफर को ऑथराइज कर पाता, उसे तोह्फा स्वीकार करना पड़ा. तो यहां पर तीन चेक-पॉइंट हैं. पहले मैं ट्रांसफर शुरू करूंगा, फिर मेरा दोस्त उसको एक्सेप्ट करेगा और आखिर में मैं लेनदेन को अधिकृत(authorise) करूंगा”.
अगर ब्रोकिंग फर्म के पास ई-डीआईएस e-DIS (Electronic delivery instruction slip) मौजूद है तो कोई दूसरे ब्रोकरेज से भी शेयर ट्रांसफर किया जा सकता है.
ट्रांसफर में आसानी के लिए ई-डीआईएस (Electronic delivery instruction slip) के लॉन्च के बाद जिरोधा ने एक अलग प्लैटफॉर्म बनाया है.
आप शेयरों को फिजिकल तौर पर भी ट्रांसफर कर सकते हैं जिसमें व्यक्ति को एक फिजिकल डिलीवरी स्लिप (DIS) भरनी होगी और उसे अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को जमा करना होगा.
रिसीवर (receiver)को एक रसीद निर्देश(receipt instruction) भरना होगा और उसे अपने डीपी(DP) के पास जमा करना होगा.
एक बार ऐसा होने के बाद डोनर (donor) डीपी से मिले हुए शेयरों को डोनी (done) के डीमैट खाते(demat accounts) में जमा कर सकता है. इस प्रक्रिया में डोनर और डोनी का एक ही ब्रोकरेज में डीमैट अकाउंट(demat accounts) होने की जरूरत नहीं पड़ती.
जिरोधा की योजना, नाबालिगों(minors) को भी म्यूचुअल फंड(mutual funds) गिफ्ट में देने की है. वर्तमान में, एचडीएफसी चिल्ड्रन गिफ्ट फंड(HDFC Children’s Gift Fund) और आईसीआईसीआई प्रू चाइल्ड केयर फंड(ICICI Pru Child Care Fund) जैसे कुछ म्यूचुअल फंड हैं जो थर्ड पार्टी (donor) को निवेश करने की अनुमति देते हैं.
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