Stocks: निवेश की दुनिया के बादशाह कहे जाने वाले वॉरेन बफेट जिन शेयरों पर दांव लगाते हैं, उन पर सबकी नजरें टिक जाती हैं. दुनियाभर के निवेशक उनके निवेश करने के तरीकों, पोर्टफोलियो और वह जो भी सलाह देते हैं मार्केट को लेकर, उसे अपनाने की कोशिश करते हैं. मगर, क्या भारत में बैठा शख्स भी खरीद सकता है वे स्टॉक्स (Stocks), जिन्होंने बनाया बफेट को ‘ओरेकल ऑफ ओमाहा’? हां, बिल्कुल. नामी विदेशी शेयरों में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देख कई ऑनलाइन इनवेस्टिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपना दायरा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाया है. इन पर देसी शेयरों के साथ-साथ विदेशी स्टॉक्स और ETF (स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, यानी कई कंपनियों के शेयर एक साथ ऑफर करने वाला पैकेज) भी खरीदे जा सकते हैं.
अमेरिकी शेयरों तक पहुंच बढ़ाने वाले प्लेटफॉर्म्स में कुछ मशहूर नाम हैं क्यूब वेल्थ, कुवेरा, स्क्रिपबॉक्स और एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज. इन्होंने स्टॉकल, वेस्टेड जैसे अमेरिकी इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स से सांझेदारी कर रखी है.
इनके जरिए भारतीय निवेशकों के पैसे अमेरिकी शेयरों में लगाए जाते हैं. एक बार आप किसी अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म से जुड़ गए, तो उसके बाद की प्रक्रिया को अच्छे से समझकर आगे बढ़ने की जरूरत है.
विदेशी स्टॉक खरीदने के लिए कौन से प्लेटफॉर्म के जरिए आगे बढ़ना है, यह तय करने के बाद उस पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा. अकाउंट खोलने के लिए कुछ आम जानकारियां, जैसे कि नाम, फोन नंबर, ईमेल आईडी देनी होंगी.
अकाउंट खोलने की प्रक्रिया में आपसे कुछ जरूरी कागजात भी मांगे जाएंगे, जिनसे आपकी पहचान की जांच हो सके. पता और बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारियां सही हैं या नहीं, इनके सबूत पेश करने होंगे.
अकाउंट खुल जाने के बाद आप उसमें पैसे डालना शुरू कर सकते हैं, जिन्हें फिर विदेशी स्टॉक में लगाया जाएगा. याद रखें कि मुद्रा को बदलना यहां बेहद जरूरी है.
अगर आप अमेरिकी शेयर में पैसे लगाने जा रहे हैं, तो रुपया को पहले डॉलर में बदलना होगा. यह आप देश के किसी बैंक से कर सकते हैं. फिर उस बदली हुई राशि को प्लेटफॉर्म पर जमा करेंगे, जिसे आगे शेयर में लगाया जाएगा.
इस बात का ख्याल रखना होगा कि विदेशी शेयरों में पैसे लगाने से पहले इनसे जुड़े भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों को अच्छे से जान-समझ लें.
एक वित्त वर्ष में कोई भारतीय ढाई लाख डॉलर, यानी करीब 1.8 करोड़ रुपये तक विदेशी स्टॉक्स और बॉन्ड में निवेश कर सकता है. ट्रेडिंग शुरू करने से पहले लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) को पढ़ लें और उससे जुड़े जरूरी कागजात तैयार कर लें.
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