शीर्ष स्टॉक एक्सचेंजों ने कहा है कि वे इक्विटी शेयरों और दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स की ट्रेडिंग के लिए टी+1 निपटान प्रणाली को 25 फरवरी से चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे. स्टॉक एक्सचेंजों ने सोमवार को यह बात कही. शीर्ष स्टॉक एक्सचेंजों ने कहा कि उन्होंने टी+1 निपटान प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का प्रारूप तैयार कर लिया है. इक्विटी निवेशकों और खासकर ट्रेडर्स के लिए यह एक अच्छी खबर है. नई निपटान प्रणाली से उन्हें ट्रेडिंग में काफी सहूलियत मिलेगी.
सबसे पहले टी+1 निपटान प्रणाली को सबसे कम मार्केट कैप वाली 100 कंपनियों के शेयरों में लागू किया जाएगा. इसके बाद धीरे-धीरे कंपनियों की संख्या बढ़ाई जाएगी. यह फैसला सभी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस ने मिलकर लिया है. इनमें स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज शामिल हैं.
T+1 निपटान प्रणाली को अपनाने का अर्थ होगा, भारतीय इक्विटी के लिए निपटान चक्र को दो कार्यदिवसों से घटाकर एक करना. इस कदम का उद्देश्य शेयर बाजारों को और अधिक कुशल बनाना है, क्योंकि इससे सौदों का तेजी से निपटान होगा.
निपटान चक्र के छोटा होने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह ब्रोकर द्वारा शेयरों के गैर-भुगतान या गैर-डिलीवरी के जोखिम को एक दिन तक कम कर देता है, जो कि वर्तमान प्रणाली में सुधार है. इसके अलावा, यह निवेशकों को लिक्विडिटी प्रदान करेगा, क्योंकि उन्हें बेचे गए शेयरों के लिए एक दिन पहले अपने खाते में पैसा मिल जाएगा. साथ ही निवेशकों को एक और दिन के लिए अपनी नकदी से फायदा उठाने का मौका मिलेगा.
जल्दी निपटान का वास्तविक लाभ एक अस्थिर बाजार में अनुभव किया जा सकता है, क्योंकि यह पूंजी के कुशल उपयोग और निवेशकों को मुनाफा कमाने में मदद कर सकता है. उन्नत प्रणाली द्वारा प्रदान की गई अतिरिक्त तरलता के साथ निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में अधिक लेनदेन करने की पूरी संभावना है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड निवेशक भी मौजूदा प्रणाली की तुलना में शीघ्र भुगतान की उम्मीद कर सकते हैं.