दिग्गज मार्केट निवेशक अंबरीश बलिगा का मानना है कि कोविड महामारी के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के बावजूद भारतीय शेयर बाजार हालिया तेजी के बाद महंगा जान पड़ रहा है. मार्च 2020 के निचले स्तर के बाद से BSE सेंसेक्स करीब 90 फीसदी चढ़कर 50,652 अंक पर पहुंच गया है. दूसरी ओर, इसी अवधि में NSE निफ्टी 95 फीसदी चढ़कर 15,198 अंक पर चला गया है.
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) की लगातार खरीदारी, सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) के लिक्विडिटी को लेकर किए जा रहे उपायों के चलते इस दौरान मार्केट के सेंटीमेंट में मजबूती आई है.
आंकड़ों से पता चलता है कि BSE पर मौजूद 1,300 से ज्यादा स्टॉक्स ने गुजरे 14 महीनों में निवेशकों की पूंजी को दोगुना कर दिया है.
1959 फीसदी की तेजी के साथ टानला प्लेटफॉर्म्स (Tanla Platforms) इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. इसके बाद GRM ओवरसीज (1945% तेजी), सरस्वती कमर्शियल (1,718% बढ़त) और हेक्सा ट्रेडेक्स (1,455%) का नंबर है.
क्या आपको अभी खरीदारी करनी चाहिए?
अगर आप मौजूदा मार्केट प्राइस पर खरीदारी करने की सोच रहे हैं तो बलिगा की सलाह है कि आपको कुछ वक्त रुकना चाहिए क्योंकि उन्हें फिलहाल कोई सेक्टर या स्टॉक ऐसा नहीं दिख रहा है जहां कम दाम पर खरीदारी की जा सके.
वे कहते हैं, “मार्केट अभी महंगा दिख रहा है, ऐसे में मैं थोड़े करेक्शन का इंतजार करूंगा.” वे कहते हैं कि कोविड की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था मुश्किल हालात में चली जाएगी, ये स्थिति पिछले साल जैसी नहीं होगी क्योंकि उस वक्त संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया था.
ग्रोथ डाउनग्रेड
अपने हालिया फोरकास्ट में बार्कलेज ने मंगलवार को भारत की 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 0.80 फीसदी घटाकर 9.2 फीसदी कर दिया है. बार्कलेज ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर का असर शुरुआती अनुमान के मुकाबले कहीं ज्यादा रहा है.
दूसरी ओर, बलिगा ने कहा है कि ग्रोथ फोरकास्ट में और ज्यादा कटौती होगी. वे कहते हैं, “12-13 फीसदी की GDP ग्रोथ को पहले ही घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया गया है और इसे और घटाकर 7 फीसदी किया जा सकता है क्योंकि लॉकडाउन की पाबंदियों को बढ़ाया जा रहा है.”
V-शेप वाली रिकवरी?
बलिगा का कहना है कि ज्यादातर लोगों को लग रहा था कि कोविड की दूसरी लहर उतनी खतरनाक नहीं होगी, लेकिन, इसका तगड़ा झटका लगा है और अब तीसरी लहर का भी खतरा जताया जा रहा है.
वे कहते हैं, “हमें पिछले साल के जैसी V-शेप वाली डिमांड ग्रोथ देखने को नहीं मिलेगी.”
रिटेल इनवेस्टर्स के भरोसे तेजी
बलिगा कहते हैं कि इस चरण में बाजार की तेजी के पीछे रिटेल इनवेस्टर्स का जोर दिखाई दे रहा है. दूसरी ओर, FII मार्केट से निकल गए हैं और घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार सतर्क रुख बनाए हुए हैं.
निवेश के विकल्प
बलिगा सलाह देते हैं कि किसी भी करेक्शन पर निवेशकों को स्पेशियलिटी केमिकल्स और स्पेसिफिक एक्सपोर्ट आधारित कंपनियों पर नजर डालनी चाहिए क्योंकि ग्लोबल डिमांड स्टेबल रह सकती है और भारतीय कंपनियों को इसका फायदा हो सकता है.
वे कहते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर और इससे जुड़ी हुई कंपनियों का परफॉर्मेंस अच्छा रह सकता है क्योंकि इस सेक्टर को सरकार का सपोर्ट हासिल है.
बलिगा कहते हैं कि आने वाले कई वर्षों तक फार्मा सेक्टर का परफॉर्मेंस अच्छा रह सकता है.