नए जमाने की कंपनियों से बेहतर मेटल और बैंकिंग शेयरों में निवेश किया जाए: राकेश झुनझुनवाला

Shares: भारत के वारेन बफेट के नाम से मशहूर राकेश झुनझुनवाला का मानना है कि इस साल टैक्स कलेक्शन सरकार को हैरान कर देगा

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विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कंपनी के प्रमोटर बदलने से इस शेयर की रि-रेटिंग हो सकती है. जी के लिए कॉरपोरेट गवर्नेंस का मुद्दा अहम है. हालांकि, इसके डायरेक्टरों और प्रमोटरों को हटाए जाने से हालात में परिवर्तन आ सकता है. जी एक बड़ा ब्रांड है और इसका नेटवर्क भी बहुत बड़ा है, लेकिन प्रबंधन इसके लिए चिंता का सबब है.

विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कंपनी के प्रमोटर बदलने से इस शेयर की रि-रेटिंग हो सकती है. जी के लिए कॉरपोरेट गवर्नेंस का मुद्दा अहम है. हालांकि, इसके डायरेक्टरों और प्रमोटरों को हटाए जाने से हालात में परिवर्तन आ सकता है. जी एक बड़ा ब्रांड है और इसका नेटवर्क भी बहुत बड़ा है, लेकिन प्रबंधन इसके लिए चिंता का सबब है.

Shares: मशहूर इक्विटी निवेशक राकेश झुनझुनवाला नए जमाने की कंपनियों के IPO को लेकर लोगों में दिख रहे क्रेज से जरा भी प्रभावित नहीं हैं.

मोतीलाल ओसवाल के रामदेव अग्रवाल और नवीन अग्रवाल के साथ बातचीत में, झुनझुनवाला ने कहा कि ऐसी कंपनियों में पैसा लगाने के बजाय अभी मेटल और बैंकिंग शेयरों (Shares) में निवेश करना बेहतर है.

ये कहा झुनझुनवाला ने

नए जमाने की फर्मों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा: “यह मेरी पार्टी नहीं है और मैं वहां नहीं जाता. लगभग 60,000 करोड़ रुपये के Zomato IPO का वैल्यूएशन 15% -20% ऊपर हो सकता है, लेकिन उल्टा भी हो सकता है, 60% की गिरावट भी हो सकती है. मेरी परेशानी वैल्यूएशन को लेकर है”

ऑनलाइन फूड डिलीवरी स्टार्टअप Zomato का IPO 16 जुलाई को अंतिम दिन 38 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ. इस बीच, डिजिटल पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विस फर्म पेटीएम ने अपने प्रस्तावित 6,600 करोड़ रुपये के IPO के लिए सेबी को ड्राफ्ट पेपर दिया है.

भारतीय मार्केट पर नजरिया

कुल मिलाकर देश के मजबूत फंडामेंटल की वजह से वो घरेलू इक्विटी मार्केट को लेकर बुलिश हैं. उन्होंने मोतीलाल ओसवाल ग्लोबल पार्टनर समिट में कहा

“अगले 4-5 सालों में सॉफ्टवेयर निर्यात $ 4-5 बिलियन तक पहुंच जाएगा. इसके अलावा, हम दुनिया की फार्मास्युटिकल कैपिटल बनने की स्थिति में हैं”

उन्होंने आगे कहा कि भारत की फंडामेंटल स्टोरी 1991 की तुलना में आज कहीं अधिक मजबूत है. देश ने हाल के दिनों में GST जैसे कई सुधार देखे हैं. उन्होंने कहा “इलेक्ट्रिसिटी बिल अगर पास हो जाता है तो यह बड़े सुधारों में से एक होगा.

भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर स्थिति में है. हमारे पास एक कॉर्पोरेट सेक्टर भी है जो कम लीवरेज्ड है. हमारे पास सक्रिय सरकार और प्रधानमंत्री हैं जो उन सुधारों को समझते हैं जिन्हें करने की जरूरत है. ”

भारत धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ रहा

बिग बुल ने आगे कहा कि PSU विनिवेश और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर यह सुनिश्चित करता है कि भारत धीरे-धीरे 10% विकास की ओर बढ़ रहा है जो कम से कम दो दशकों तक बना रहेगा.

झुनझुनवाला ने कहा, “भारत में सब कुछ नीचे से ऊपर है, कुछ भी ऊपर से नीचे नहीं है.” बुल मार्केट जल्द ही गायब नहीं होने वाला है.

उन्होंने कहा “हम बहुत लंबे बुल मार्केट में हैं और यह बॉम्बे से लंदन तक कार चलाने जैसा है” भारत के वारेन बफेट के नाम से मशहूर झुनझुनवाला का मानना है कि इस साल टैक्स कलेक्शन सरकार को हैरान कर देगा.

दूसरे सेक्टर

झुनझुनवाला कम ब्याज दरों और अफोर्डेबिलिटी के चलते रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर पॉजिटिव हैं. वो सोचते हैं कि डेवलपर्स कंसोलिडेट हो जाएंगे.

पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU)पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, उनका मानना है कि PSU मार्केट में बेहतर प्रदर्शन करेंगे और विनिवेश के बाद कीमतें और बढ़ जाएगी. वो कमोडिटी में भी 8-10 साल के बुल मार्केट को देखते हैं.

निवेशकों को सलाह

उन्होंने नए निवेशकों को सलाह दी कि वो फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सही सलाह लें. उन्होंने कहा “इससे आपको 15% -20% तरह का रिटर्न हासिल करने में मदद मिल सकती है. सबसे अच्छा तरीका सही म्यूचुअल फंड चुनना और SIP के जरिए निवेश करना है.

Published - July 18, 2021, 02:13 IST