कोविड-19 की दूसरी लहर और तीसरी लहर की चिंताओं के बीच घरेलू शेयर बाजारों (Stock Market) में तेजी जारी है. बीते एक साल में इनमें करीब 25 फीसदी का उछाल आया है. कई फंडामेंटल वजहों से ऐसा संभव हो पाया. ICICI Securities के मुताबिक, इक्विटी निवेश अब लोकप्रिय हो रहा है, लोग मान रहे हैं कि मुद्रास्फीति के खिलाफ यह बेहतर रिटर्न देने में सक्षम है और साथ ही इसमें बहुत अधिक लिक्विडिटी भी होती है.
डिजिटाइजेशन से बढ़ने से कंपनियों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की क्षमता में विकास हो पा रहा है, इससे बेहतर ग्रोथ की उम्मीद जगने लगी है. बीते 18 महीनों के दौरान रिकॉर्ड संख्या में डीमैट खाते खुले हैं. ICICI Securities का मानना है कि वित्त वर्ष 2023 में भी बाजारों में तेजी जारी रहेगी. इसके मुताबिक, सेंसेक्स 66 हजार, जबकि एनएसई निफ्टी 20 हजार के आंकड़े को छू सकता है. ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, इन छह कारणों से बाजारों में तेजी जारी रह सकती है.
वैक्सीनेशन में तेजी: अब तक भारत में 89 करोड़ वैक्सीन डोज लग चुके हैं. जिसमें 69 फीसदी पहले डोज वाले हैं, जबकि 25 फीसदी लोगों को दोनों डोज लग चुका है. साल के अंत तक 200 करोड़ डोज लगने की उम्मीद है. इससे आर्थिक रिकवरी को मजबूती मिलेगी.
सरकारी नीतियां: ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई नीतियां अपना रही है. इनमें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ऑटो क्षेत्र के लिए PLI स्कीम और टेलीकॉम क्षेत्र के लिए कैशफ्लो बढ़ाने के उपाय वगैरह शामिल हैं.
नेशनल असेट मोनेटाइजेशन पाइपलाइन: इसमें वित्त वर्ष 2022 से 2025 के बीच 6 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है. इसके अलावा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में कर संग्रह अच्छा रहा है. इसकी वजह से सरकार पूंजीगत खर्च को बढ़ा सकती है. जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.
रिकॉर्ड रजिस्ट्रेजशन: सितंबर में मुंबई समेत कई शहरों में रियल एस्टेट बिक्री में अच्छा इजाफा हुआ है. प्रॉपर्टी की कीमतें भी बढ़ रही हैं.
भारतीय कैपिटल मार्केट का मजबूत होना- स्टार्ट-अप अब यूनिकॉर्न बनते जा रहे हैं. इससे मार्केट का वैल्यूएशन बेहतर हो रहा है.
आमदनी: बीते दो वर्षों के दौरान कंपनियों की आमदनी लगभग स्थिर रही है. अब हालात सुधर रहे हैं, उम्मीद की जा रही है कि कंपनियों की आय दोहरे अंकों में बढ़ सकती है. इसकी वजह से भी शेयर बाजारों में तेजी आएगी.
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