Sebi यानि कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड नवंबर माह के शुरुआती दिनों में इंवेस्टर्स चार्टर अधिसूचित कर सकता है. दो जानकारों के मुताबिक सेबी के अलावा अन्य नियामक जैसे भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Irdai), पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) अगले साल अपना चार्टर अधिसूचित कर सकते हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड में सूत्रों के हवाले से खबर है कि इन्वेस्टर चार्टर में सेबी का मिशन और विजन दोनों मौजूद होगा. इसमें निवेशकों के अधिकार और जिम्मेदारियां भी शामिल होंगे. हालांकि इस चार्टर को केवल एक रिफ्रेंस की तरह माना जाएगा. इसका पालन करने की कानूनी बाध्यता नहीं होगी. लेकिन मार्केट इंटरमीडियरीज जैसे स्टॉक एक्सचेंज, म्यूचुअल फंड्स और अन्य फर्म्स के लिए कॉर्पोरेट गवर्नेंस मापदंडों के अनुसार निवेश के समय क्या करना है (Do’s) और क्या नहीं (Don’ts) की पूरी सूची होगी.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट के दौरान म्यूचुअल फंड्स और इंश्योरेंस समेत सभी फाइनेंस प्रोडक्ट के लिए एक इंवेस्टर चार्टर बनाने का प्रस्ताव दिया था. इसके बावजूद इंवेस्टर चार्टर, गलत बिक्री या किसी धोखाधड़ी की वजह से नुकसान झेलने वाले निवेशक के लिए मॉनिटरी कंपनसेशन मेकेनिज्म नहीं माना जा सकता. इसका उद्देश्य केवल निवेशकों को वित्तीय नियामकों के दायरे में लाकर बिचौलियों और टाइम बाउंड सर्विसेज की गारंटी देकर उन्हें सशक्त बनाना है.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक ये माना जा रहा है कि नियामक ने फाइनेंस मिनिस्ट्री और दूसरे स्टेक होल्डर्स से सलाह लेकर चार्टर का पूरा खाका तैयार कर लिया है और इसे निवेशकों के लिए आसान बना दिया है. सितंबर में हुई एक बोर्ड मीटिंग में सेबी ने इस चार्टर को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूट (MII) और दूसरे रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज के साथ आगे बातचीत की गई. ये चार्टर बाजार में निवेश करने वालों को सभी जानकारी मुहैया कराने में मददगार होगा. इसमें उनके अधिकार, अलग अलग संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली सर्विसेज, उनसे जुड़ी टाइम लिमिट, शिकायत और उनके निवारण का तरीका भी शामिल होगा. सेबी का ये इंवेस्टर चार्टर नियामक से जुड़ी सभी वेबसाइट पर भी अपलोड होगा.
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