SEBI का बड़ा फैसला: नए साल से एक दिन में पूरा हो जाएगा शेयरों का ट्रांसफर, निवेशकों को होगा फायदा

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने T+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकिल पेश किया है. यह सेटलमेंट प्लान शेयरों के लिए है और ऑप्शनल है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 9, 2021, 01:54 IST
these factors will guide markets next week

CAGR की इजाफा दर्ज करने की संभावना है. इसके साथ ही, हम उम्मीद करते हैं कि कंपनी लगातार उच्च आरओई के साथ लगातार मुफ्त कैश फ्लो पैदा होगा

CAGR की इजाफा दर्ज करने की संभावना है. इसके साथ ही, हम उम्मीद करते हैं कि कंपनी लगातार उच्च आरओई के साथ लगातार मुफ्त कैश फ्लो पैदा होगा

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने T+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकिल पेश किया है. यह सेटलमेंट प्लान शेयरों के लिए है और ऑप्शनल है. अगर ट्रेडर्स चाहें तो इसे चुन सकते हैं. नया नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होगा.

ये है मौजूदा नियम

मौजूदा समय में देश में अप्रैल 2003 से T+2 सेटलमेंट साइकल लागू है. यानी जब आप शेयर बेचते हैं, तो वो शेयर तुरंत ब्लॉक हो जाता है और राशि आपको कारोबारी दिन के दो दिन बाद (T+2 डे) मिलती है. इससे पहले देश में T+3 सेटलमेंट साइकिल चल रहा था.

क्या है नया नियम?

सेबी के नए सर्कुलर के अनुसार, नए साल से कोई भी स्टॉक एक्सचेंज सभी शेयरधारकों के लिए किसी भी शेयर के लिए T+1 सेटलमेंट साइकिल को चुन सकता है. आसान भाषा में समझें, तो आपको शेयर बेचने पर कारोबारी दिन के एक दिन बाद ही पैसा मिल जाएगा. यह छोटा सेटलमेंट साइकल ज्यादा सुविधाजनक होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पैसे के रोटेशन में तेजी आएगी.

ध्यान रहे कि यदि स्टॉक एक्सचेंज किसी भी शेयर के लिए एक बार T+1 सेटलमेंट साइकल को चुनता है, तो उसे कम से कम छह महीने तक जारी रखना होगा और यदि स्टॉक एक्सचेंज बीच में T+2 सेटलमेंट साइकिल चुनता है, तो भी उसे एक महीना पहले नोटिस देना होगा.

अगस्त में बना था पैनल

मालूम हो कि अगस्त 2021 की शुरुआत में ही सेबी ने इसके लिए निशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था, जिसे T+2 के बजाय T+1 साइकल लागू करने की प्रक्रिया की मुश्किलों पर रिपोर्ट पेश करनी थी. यह फैसला मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटर्स के साथ बातचीत के बाद लिया गया है.

2003 में भी लागू हुई थी T+2 सिस्टम

सेबी ने 2003 में सौदा पूरा करने में लगने वाले समय को ‘T+3’ से कम कर ‘T+2’ किया था. इससे पहले, 900 से ज्‍यादा स्‍टॉकब्रोकर्स के ग्रुप द एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्‍सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने सेबी को भेजी चिट्ठी में T+1 सेटलमेंट सिस्‍टम को लेकर चिंता जताई थी. ANMI का कहना था कि ऑपरेशनल और टेक्निकल चुनौतियों का समाधान किए बिना नई व्‍यवस्‍था को लागू नहीं किया जाना चाहिए.

Published - September 9, 2021, 01:54 IST