मार्केट रेग्युलेटर सेबी (Sebi) ने इन्फोसिस (Infosys) के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) में शामिल लिप्त उसके दो कर्मचारियों सहित 8 इकाइयों और अन्य कंपनियों पर अलग-अलग मामलों में शेयर बाजार में कारोबार करने से रोक लगाने की कार्रवाई की है. इन्फोसिस ने एक बयान में कहा कि वह इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में शामिल कर्मचारियों के मामले में आंतरिक जांच शुरू करेगी.
मार्केट रेग्युलेटर ने 8 कंपनियों पर अगले आदेश तक के लिए प्रतिबंध लगाते समय उनमें से दो कंपनियों से 3.06 करोड़ रुपए का अवैध लाभ की कुर्की के भी निर्देश दिए. इन दो कंपनियों में कैपिटल वन पार्टनर्स और टेसोरा कैपिटल शामिल हैं.
इन उद्यमों ने इन्फोसिस के वित्तीय परिणामों से जुड़ी मूल्य संवेदनशील अप्रकाशित सूचना के रहते इन्फोसिस के शेयरों में कारोबार किया. सेबी ने सोमवार को पारित अंतरिम आदेश में यह जानकारी देते हुये कहा कि यह मामला इन्फोसिस के 30 जून 2020 को समाप्त तिमाही परिणामों से जुड़ा है.
इन्फोसिस ने कहा, 1 जून को इन्फोसिस को सेबी के एकपक्षीय अंतरिम आदेश की जानकारी दी गयी जिसमें इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए जारी जांच में अन्य तीसरे पक्षों के साथ हमारे दो कर्मचारियों के नाम दिए गए हैं. कंपनी इस मामले में सेबी को पूरा जरूरी सहयोग देगी.
इन्फोसिस ने कहा कि आदेश मिलने के बाद उसने एक आंतरिक जांच शुरू कर दी गयी है जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
आदेश के अनुसार कैपिटल वन (Capital One Partners) और उसके वर्किंग पार्टनर अमित भुतरा एवं भरत सी जैन, टेसोरा कैपिटल (Tesora Capital) और उसके वर्किंग पार्टनर -अमित भुतरा, अंकुश भुतरा एवं मनीष चंपालाल जैन- को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके अलावा इन्फोसिस के वरिष्ठ कॉरपोरेट काउंसेल प्रांशु भुतरा और कंपनी के कॉरपोरेट अकाउंटिंग ग्रुप के सीनियर प्रिसिंपल वेकेंट सुब्रह्मण्यम वी वी को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.
सेबी ने पहली नजर में पाया कि केपिटल वन और टेसोरा ने इन्फोसिस के 30 जून 2020 की तिमाही के लिये घोषित होने वाले परिणाम से कुछ देर पहले ही वायदा एवं विकल्प कारोबार वर्ग में कंपनी के शेयरों में कारोबार किया. परिणाम घोषित होने के कुछ ही देर बाद उन्होंने शेयरों को बेच दिया और अपनी स्थिति को ऐसा कर दिया की उनके पास कुछ नहीं है.
सेबी के मुताबिक, इस तरह से किए गए सौदे में कैपिटल वन पार्टनर्स और टेसोरा कैपिटल ने क्रमश: 2.79 करोड़ रुपए और 26.82 लाख रुपए के अवैध कमाई की. इन सभी पर अगले आदेश तक शेयर बाजार में कारोबार करने से रोक लगा दी गई है.
सेबी ने एक अन्य मामले में कैपिटल हीड कंपनी फाइनेंशियल रिसर्च के मालिक शैलेंद्र सेन को निवेश सलाहकार के तौर पर पंजीकरण की खातिर अपने आवेदन में नियामक को गलत सूचना देने के लिए पूंजी बाजारों से तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया.
नियामक ने साथ ही पिरामिट सैमिरा थियेटर के शेयरों में फर्जी तरीके से कारोबार करने के लिए 19 व्यापार इकाइयों पर कुल 42 लाख रुपए का जुर्माना लगाया.
(PTI इनपुट के साथ)
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