संवत 2077 को अलविदा कहने और संवत 2078 का स्वागत करने के साथ उन सेक्टरों पर गौर कर लेना चाहिए, जिन्होंने आउटपरफॉर्म किया और जिनका प्रदर्शन खराब रहा. रियल्टी, मेटल, PSU बैंक और IT ने क्रमशः 128%, 111%, 108% और 64% के रिटर्न के साथ आउटपरफॉर्म किया. वहीं, फार्मा ने 18% और FMCG ने 22% के रिटर्न देकर अंडरपरफॉर्म किया.
सेंसेक्स और निफ्टी संवत 2077 के अंत में क्रमशः 60,000 और 18,000 के लगभग नजर आए. यहां अहम सवाल यह बनता है कि संवत 2078, और उससे भी जरूरी उसके बाद, शेयर बाजार से क्या उम्मीद की जा सकती है?
संवत 2077 के बेहतरीन रिटर्न के बाद निवेशकों को 2078 में मॉडरेट रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए. हालांकि, कुछ सेक्टर और स्टॉक फिर भी आउटपरफॉर्म करेंगे. इनको पहचान पाना असल चुनौती होगी.
सेक्टोरल रोटेशन हमेशा होता है. संवत 2078 के दौरान बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहना चाहिए क्योंकि क्रेडिट ग्रोथ के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं. प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक, टॉप दो या तीन सरकारी बैंक और मोर्टगेज और फिनटेक सेगमेंट के नामी कर्जदाता का अच्छा प्रदर्शन रहना चाहिए.
संवत 2077 के स्टार परफॉर्मर रियल्टी और मेटल की बूम आगे भी जारी रहेगी. इनमें हुई ग्रोथ आने वाले वर्षों में जारी रहने वाली है. इसी तरह डिजिटाइजेशन की वैश्विक बढ़त से IT के भी अच्छे दिन जारी रहेंगे. कंस्ट्रक्शन से जुड़े सभी सेगमेंट – सीमेंट, सीरैमिक, पेंट, अधेसिव और इलेक्ट्रिकल – को भी इस सेक्टर की वृद्धि का फायदा मिलेगा.
देश आर्थिक विस्तार की राह पर है. इससे सात प्रतिशत की सालाना औसत GDP ग्रोथ जारी रह सकेगी, जिससे अगले चार-पांच वर्ष तक एवरेज एनुअल अर्निंग्स ग्रोथ 20 फीसदी की रह सकती है. GDP का कॉरपोरेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 2020 में 1.6 प्रतिशत के लो पर आ गया था. यह अब तीन प्रतिशत पहुंच गया है और वित्त वर्ष 2022 तक चार फीसदी तक उठ सकता है.
IMF के मुताबिक, भारत 2021 और 2022 में सबसे तेज विकास वाली अर्थव्यवस्था रहेगा. अगर हम ऊंचे ग्रोथ रेट को चार से पांच साल तक बरकरार रख पाते हैं, तो मार्केट बदलती वैल्यूएशन के बावजूद ऊपर उठेगा. हालांकि, रैली के दौरान तेज करेक्शन तो होगा ही.
सरकार की प्रो-इन्वेस्टमेंट पॉलिसी (कम कॉरपोरेट टैक्स, लेबर रिफॉर्म, निजीकरण आदि), प्राइवेट कैपेक्स साइकल, निर्यात में उछाल, FDI में वृद्धि और अच्छा स्टार्टअप इकोसिस्टम अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे.
संवत 2087 कैलेंडर ईयर में साल 2030 होगा. भारत तब तक सात लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. कॉरपोरेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 2021 के 5.31 लाख करोड़ रुपये से ऊपर उठकर 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का दम रखते हैं. ऐसा चार गुना विकास शेयर बाजार को ऐसे स्तर तक पहुंचा सकता है, जिसकी हमने अब तक कल्पना नहीं की होगी.
हां, सोच बुलिश है, मगर इसे हासिल किया जा सकता है. इसलिए संवत 2078 के पार देखिए और संवत 2087 को लक्ष्य बनाइए.
(लेखक जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट हैं. ये उनके निजी विचार हैं)
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